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C सेक्शन से बचना है तो, न करें नॉर्मल डिलीवरी के इन लक्षणों को नजर अंदाज

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मां बनने का सफर हर महिला के लिए बहुत ही प्यारा और काफी इमोशंस से भरा होता है। लेकिन उस से पीड़ा दाई होती है प्रसव की पीड़ा। आजकल महिलाएं बहुत से कारणों की वजह से c सेक्शन डिलीवरी का रास्ता चुन लेती है। जबकि बहुत सी महिलाओं में नॉर्मल डिलीवरी होने का चांस बहुत ज्यादा होते है। लेकिन कम जानकारी की वजह से अक्सर महिलाएं इसे समझने में देरी कर जाती हैं और c सेक्शन डिलीवरी चुन लेती है। चलिए आज समझते है उन लक्षणों को जो महिला का शरीर देता है जब नॉर्मल डिलीवरी हो जाना संभव होता है।

नॉर्मल डिलीवरी के लिए प्रसव पीड़ा कब शुरू होती हैं?

डॉक्टरो का मानने है कि गर्भवती महिला को उसकी प्रेगनेंसी के 37वें सप्ताह से 40वें सप्ताह के बीच Labour Pain  कभी भी प्रसव पीड़ा शुरू हो सकती है। यह इस बात कि और इशारा करता है कि आपकी डिलीवरी जल्दी होने वाली है। कई मामलों में 37वें सप्ताह कि शुरुआत में या इससे भी पहले शिशु की डिलीवरी हो जाती है। इस डिलीवरी को हम प्रीमैच्योर डिलीवरी के नाम से जानते हैं। लेकिन कई मामलों में 40वें सप्ताह के बाद भी डिलीवरी नहीं होती है। इसलिए ऐसे मामलों में आर्टिफिशियल तरीकों का इस्तेमाल करके शिशु कि डिलीवरी करवाई जाती है।

नॉर्मल डिलिवरी होने के लक्षण 

 जब नॉर्मल डिलीवरी होने वाली होती है, तो कहां-कहां पर दर्द होना शुरू हो जाता है। तो आज इस लेख में बात करेंगे उन लक्षणों की, जिससे आप पहचान सकते हो कि आपकी नॉर्मल डिलीवरी हो पाएगी या नहीं हो पाएगी। 

  • जब महिला को नाइन मंथ लग चुका है। आप नाइन मंथ में पहुंच चुके हो। तो इस टाइम आपकी बॉडी पूरी तरीके से नॉर्मल डिलीवरी के लिए तैयार होना शुरू हो जाती है। आपका बच्चा भी इस टाइम अपना सर नीचे कर लेता है, मतलब कि अपनी जन्म की सही पोजीशन में आ जाता है। और अगर आपके बच्चे ने भी अल्ट्रासाउंड रिपोर्ट में अपना सर नीचे कर लिया है, आपको पता चल गया है, तो समझो आधे चांसेस तो आपकी नॉर्मल डिलीवरी के हो ही गए। अब कुछ और लक्षण होते हैं, जिससे आप और ज्यादा कंफर्म हो सकते हो कि आपकी नॉर्मल डिलीवरी हो जाएगी।

पेट के निचले हिस्से में दर्द

बसे पहली चीज तो है कि आपको पेट के निचले हिस्से में दर्द होना शुरू हो जाएगा। अब दर्द ऐसे नहीं कि नॉर्मल होगा, दर्द आपको ऐठन के साथ होगा, मरोड़ के साथ होगा। एकदम से पेट आप देखोगे कभी-कभी कड़क भी महसूस होने लगेगा। और पेट जो है, वो आपका एकदम नीचे की तरफ इकट्ठा हो जाएगा। ऊपर का पेट आपका एकदम से खाली हो जाएगा और बच्चा पूरा नीचे की तरफ सिमट जाएगा। तो ये नॉर्मल डिलीवरी का संकेत होता है।

कमर के निचले हिस्से में दर्द

अगला है कि आपको इस टाइम पे कमर के निचले हिस्से में दर्द होगा। क्योंकि बच्चे ने सर नीचे कर लिया है, अब बच्चा धीरे-धीरे नीचे की तरफ खिसक रहा है। यानी कि जो बच्चे का बाहर आने का रास्ता है, उसमें बच्चा धीरे-धीरे फिक्स हो रहा है। साथ ही साथ, आपको बार-बार यूरिन भी आएगा। हर 10 से 15 मिनट में आपको यूरिन पास करने जाना पड़ सकता है।

भावनात्मक बदलाव

प्रसव का समय पास आते ही आपके अंदर भावनात्मक रूप से बदलाव आने शुरू हो जाते हैं। आपका मूड लगातार बदलता रहता है। एक पल आप खुश रहती हैं तो दूसरी ही पल  दुखी हो जाती हैं। आपका छोटी छोटी बात पर खुश होना, गुस्सा आना और मन का चिड़चिड़ा होना सामान्य बात है। यह सब हार्मोनल असंतुलन के कारण होता है। अगर आप भी अपनी गर्भावस्था के आखिरी समय में ऐसा महसूस करती हैं तो इसका मतलब यह हुआ कि आपका प्रसव पीड़ा काफी नजदीक आ गया है। 

बार बार यूरिन पास करने का एहसास

एक्सपर्ट्स अक्सर इस समय पर सलाह देते है कि अगर आपको बार-बार यूरिन आ रहा है, तो रोक कर बिल्कुल मत रखिएगा। कोई आलस मत कीजिएगा, क्योंकि ऐसे में फिर इंफेक्शन होने का खतरा होता है। तो यूरिन को रोके नहीं और ना ही पानी पीने में कमी रखें। सात से आठ गिलास पानी डेली जरूर पिएं। अगर पानी में कमी रखी तो गर्भ में जो पानी है, वह कम हो जाएगा और बच्चे को दिक्कत होगी।

प्राइवेट पार्ट में दर्द

एक और सिम्पटम, जब नॉर्मल डिलीवरी होने वाली होती है, तो जरूर होता है। वो होता है प्राइवेट पार्ट में दर्द। प्राइवेट पार्ट में दर्द क्यों होता है? एक तो बच्चे ने बहुत ज्यादा प्रेशर डालना शुरू कर दिया है। बच्चा योनि के रास्ते में आना शुरू हो गया है और आपके बच्चे दानी का मुंह भी अब धीरे-धीरे खुलने लगा है। तो इस वजह से आपको प्राइवेट पार्ट में तेजी से दर्द महसूस हो सकता है।

नॉर्मल डिलीवरी के पहले डॉक्टर की तरफ से की जाने वाली जांच

सर्विक्स

डॉक्टर डिलीवरी के पहले बार बार सर्विक्स check करते है। यह चेक करने के लिए कि आपके सर्विक्स कितना ओपन हुआ है। यह नौवें महीने में डॉक्टर चेक करती हैं। तो नॉर्मली यह चेकअप डॉक्टर सर्विक्स का माप लेकर पता करती हैं कि डिलीवरी में कितना समय बचा हुआ है। अगर डॉक्टर बोलते हैं कि आपका ओनली वन फिंगर म्यूट ओपन हुआ है, तो आपको पता चलता है कि डिलीवरी में कितना टाइम बाकी है। नॉर्मल डिलीवरी के लिए कम से कम 10 सेंटीमीटर तक सर्विक्स ओपन होना चाहिए।

हिप बोन का स्ट्रक्चर

डॉक्टर हिप बोन का जो स्ट्रक्चर है, उसको भी पता करने के लिए वेजाइनल चेकअप करती हैं। अगर हिप बोन का वंशवृक्ष नीचे से जुड़ा होता है, तो बच्चे का वहां जाकर फंस सकता है और इमरजेंसी में डिलीवरी करनी पड़ सकती है। डॉक्टर पहले से ही पता कर लेती हैं कि हिप बोन का स्ट्रक्चर कैसा है, ताकि बच्चे की डिलीवरी में कोई समस्या न हो।

वेजाइनल इनफेक्शन

अगर आपको प्रेगनेंसी के टाइम पर, फर्स्ट सेमेस्टर या सेकंड ट्राइमेस्टर में वेजाइनल इनफेक्शन हो गया है, तो भी डॉक्टर आपका इंटरनल चेकअप कर सकती हैं।ज्यादातर चेकअप नौवें महीने में किया जाता है या डिलीवरी के टाइम किया जाता है। डिलीवरी के टाइम, चेकअप दो से तीन बार किया जा सकता है ताकि सर्विक्स का कितना ओपन हो रहा है, धीरे-धीरे डिलीवरी कब से चल रही है और कितना टाइम और लगेगा, पता किया जा सके।

तो ये सारे ही लक्षण बताते हैं कि आपकी नॉर्मल डिलीवरी के चांसेस 100% हैं। आपकी नॉर्मल डिलीवरी हो जाएगी। तो नौवें महीने के 37वें वीक के बाद आपको कभी भी लेबर पेन आ सकता है। इसलिए इस टाइम अकेले ना रहें। किसी ना किसी फैमिली पर्सन को, स्पेशली लेडी को, अपने साथ जरूर रखें। वो कोई भी जो आपके ज्यादा करीब हो, उसको आप रख सकते हो, जिससे कि इमरजेंसी में अगर कोई डिलीवरी के सिम्पटम्स लेकर हॉस्पिटल जा सको। 

यह भी कहा जाता है की प्रसव के दौरान मालिश करने से शरीर में अच्छा महसूस करने वाले हार्मोन का निर्माण होता है जिससे प्रसव पीड़ा से राहत मिलती है। काफी महिलाओं को प्रसव के दौरान मालिश करना पसंद नहीं होता है।    

निष्कर्ष

प्रसव का अनुभव हर महिला के लिए व्यक्तिगत और विशेष होता है। नॉर्मल डिलीवरी की संभावना को समझना और पहचानना महत्वपूर्ण है ताकि आप समय पर सही निर्णय ले सकें। गर्भावस्था के अंतिम सप्ताह में शरीर कई संकेत देता है, जैसे कि पेट के निचले हिस्से में दर्द, कमर में तकलीफ, बार-बार यूरिन आना, और प्राइवेट पार्ट में दर्द, जो नॉर्मल डिलीवरी की ओर इशारा करते हैं।

डॉक्टर की नियमित जांचें, जैसे सर्विक्स का खुलना और हिप बोन का स्ट्रक्चर, आपकी डिलीवरी की स्थिति को स्पष्ट करने में मदद करती हैं। सही जानकारी और समय पर ध्यान देने से आप नॉर्मल डिलीवरी की संभावनाओं को बढ़ा सकती हैं और प्रसव के समय को सहज और सुरक्षित बना सकती हैं।

इस महत्वपूर्ण समय में, परिवार के समर्थन और सही देखभाल से आप इस अद्वितीय यात्रा को बेहतर तरीके से समझ सकती हैं और इसका आनंद ले सकती हैं। यदि आप इस समय के दौरान सही कदम उठाती हैं, तो आप प्रसव पीड़ा को अधिक सहजता से झेल सकती हैं और एक सुखद डिलीवरी का अनुभव प्राप्त कर सकती हैं।

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