Multivitamin uses in Hindi इस आर्टिकल में जानिए कि क्या वास्तव में आपको multivitamin सप्लीमेंट्स लेने चाहिए, उनके लाभ और वैज्ञानिक दृष्टिकोण से उनके प्रभाव।
हमारी भागदौड़ भरी जिंदगी में, जहां हर कोई अपनी सेहत को लेकर जागरूक है, क्या आपने कभी सोचा है कि आपके रोज़मर्रा के खाने से क्या आपको सभी ज़रूरी विटामिन्स और मिनरल्स मिल रहे हैं? क्या आपने कभी सोचा है कि multivitamin supplements जो आप बाजार से खरीदते हैं, वे आपकी सेहत के लिए वाकई ज़रूरी हैं या फिर यह सिर्फ मार्केटिंग का एक बड़ा छलावा है? आइए, इस आर्टिकल में हम इस महत्वपूर्ण सवाल का वैज्ञानिक दृष्टिकोण से विश्लेषण करें और जानें कि क्या आपको सच में multivitamin सप्लीमेंट्स की आवश्यकता है या नहीं।
Table of Contents
इस आर्टिकल में हम चर्चा करेंगे क्या वास्तव में आपको multivitamin tablets supplements के सही uses को कैसे अपने बेहतर इस्तेमाल में लेने चाहिए। बहुत लोगों की ऐसी आदत है, तो वह unnecessarily multivitamins tablets का use करते हैं। आज हम scientifically analyse करेंगे इनकी, आपको जरूरत है? यह आपको मदद करते हैं? क्या इन्हें आपको लेना चाहिए?
स्वास्थ्य विशेषज्ञों की राय
अगर हम स्वास्थ्य के विशेषज्ञों की राय पर ध्यान दें, तो उनका मानना है कि यदि आपकी डाइट में कोई भी प्रतिबंध नहीं है, आपकी पोषण संबंधी आवश्यकता पूरी हो रही है, और आपके शरीर में किसी प्रकार की कमी नहीं है, तो इस स्थिति में मल्टीविटामिन टेबलेट्स या सप्लीमेंट्स का उपयोग आवश्यक नहीं होता है। विशेषज्ञों के अनुसार, जब तक आपकी डाइट संतुलित और संपूर्ण है, और आप किसी विशेष पोषक तत्व की कमी से ग्रसित नहीं हैं, तब तक मल्टीविटामिन सप्लीमेंट्स का सेवन करने की जरूरत नहीं है। स्वस्थ और विविध आहार से आप सभी आवश्यक विटामिन्स और मिनरल्स प्राप्त कर सकते हैं, इसलिए केवल उन परिस्थितियों में सप्लीमेंट्स का सेवन करना उचित है, जब डॉक्टर या आहार विशेषज्ञ की सलाह हो।
संपूर्ण आहार और उसके लाभ
जहां तक एक wholesome डाइट है, जिसमें आप ठीक मात्रा में प्रोटीन लेते, कार्बोहाइड्रेट लेते हैं। यह सब ठीक मात्रा में लेते हैं। तो वास्तव में इस तरह के जो सप्लीमेंट है, यह वाइट मींस हैं इनका कोई रोल नहीं है। यह जो आज की तारीख में जो बहुत लोग विटामिंस और सप्लिमेंट को खाते चले जाते हैं। यह एडवरटाइजमेंट आपको इस चीज के लिए प्रेरित करते हैं कि आप बिना किसी ख़ास ज़रूरत के विटामिंस और मिनरल्स के सप्लीमेंट्स को लें। अगर आप पोषित आहार लेते हैं फिर भी हर बार यह बात कही जाती है की आपको विटामिंस और मिनरल्स लेने ही चाहिए। कहा जाता है कि यह आपकी बॉडी के लिए जरूरत है। बिल्कुल बात सही है। कुछ विशेषज्ञों का यह भी मानना हैं की हमारा शरीर यह खुद से अपने लिए नहीं बना सकता। इसी वजह से आपको विटामिंस और मिनरल्स को बाहर से अपने शरीर को पोषित रखने के लिए लेना ही पड़ता हैं।
पूरी तरह से पोषित भोजन का महत्व
लेकिन यह बात भी पूरी तरह से सच है कि अगर आप पुरी तरह से पोषित भोजन लेते हैं तो आपका intestine पूरी तरह से वो सब विटामिंस और मिनरल्स आपको दे सकती है जो आपको बाहर से लेने पड़ते है। स्कूल ऑफ होवार्ड के प्रोफेसर John Munson ने कहा है कि सप्लीमेंट्स है वो कभी भी आपकी पूरी और पोषित खुराक का substitute बन ही नहीं सकते। आप बिलकुल भी यह मत सोचिए कि अगर आप सप्लीमेंट खाते चले जाए तो अब आपको कुछ और खाने की जरूरत नहीं है। यह बात सही है कि अगर आपके डिपेंडेंसी सप्लीमेंट पर ज्यादा है, तो वास्तव में आपका दिमाग है, इसको एक नेगेटिव फीडबैक देती है। दरसल आपके शारीरिक पोषण के लिए आपकी डाइट है। यह बात बिल्कुल सही है कि ऐसा माना जाता है कि अगर आप सप्लीमेंट लेते हैं, तो आपके जो हेल्थ है वह इंप्रूव होगी। आपके जो बहुत सारी जो फंक्शन से बॉडी कि वह पहले से बेहतर होंगे, लेकिन जहां तक रिसर्च का सवाल है, इसमें बार-बार यह क्लियर कर किया कि जो इस तरह आप multivitamins tablet supplements in Hindi लेते हैं तो, इनका आपकी हेल्थ से आपकी बॉडी के साथ कोई लेना-देना नहीं है। इसका मतलब यह है कि आपके सप्लीमेंट लेते हैं वो एक तरीके से पैसा बर्बाद करना है। इसका कोई लॉजिक नहीं है।
विज्ञापनों का प्रभाव
विटामिन्स और सप्लिमेंट्स का बढ़ता क्रेज
आजकल बहुत से लोग विटामिन्स और सप्लिमेंट्स का उपयोग करते हैं, जो विज्ञापनों से प्रेरित होते हैं कि उन्हें बिना किसी खास ज़रूरत के विटामिन्स और मिनरल्स के सप्लीमेंट्स लेने चाहिए।
इन सप्लीमेंट की मार्केटिंग करने के पीछे मैन्युफैक्चरर्स की जो सोच यह है कि हमारी लाइफ बिजी है और इस बिजी लाइफ में हमारे पास इतना टाइम ही नहीं है कि हम अपनी diet की तरफ इतना ध्यान दें।
सप्लिमेंट्स के पीछे छिपी मार्केटिंग रणनीति
हम इस बात ध्यान ही नहीं दे पाते कि हमारे खान पान में से मुख्य तौर पर कौन सा विटामिन या मिनरल मौजूद नहीं है। तीसरा उनका मानना यह भी है कि हमारे खान पान में हर एक विटामिन और मिनरल का होना बहुत ही ज़रूरी है। इसी से हम हमारी diet को पूरी तरह से पोषित कह पाएंगे। इन तीन कारणों को मुख्य समझ के वो इन सब मिनरल्स और सप्लीमेंट्स का इस्तेमाल करने की सलाह देते हैं।
उनके एडवरटाइजमेंट को देख कर, बिना किसी भी डॉक्टरी सलाह के हम इन vitamins और सप्लीमेंट्स को लेना शुरु कर देते है । और यह भी नहीं सोचते की क्या हम अपने साथ ठीक कर रहे है। अगर हम ध्यान से देखें कि अगर आप बहुत ज्यादा वाइटमिंस एंड सप्लीमेंट लेते हैं तो आप क्या गलत करते हैं? गलत यह करते हैं कि अगर आप इसको लेते हैं तो बहुत सारी माइक्रोन्यूट्रिएंट्स जो आपको डाइट से मिलते हैं, उनसे आप अपनी बॉडी को दूर कर देते हैं। प्रोटीन और कार्बोहाइड्रेट के साथ सबसे ज़रूरी चीज फाइबर। सप्लिमेंट्स लेने की आदत से आप अपने शरीर को फाइबर देना काम करते जाते है। आपकी बॉडी को फाइबर मिलने बंद हो जाएगे और अगर आपके बॉडी को फाइबर नहीं मिलेंगे तो बहुत सारे साइड इफेक्ट आएंगे। आपकी बॉडी को फाइबर बहुत ही ज़रूरी है नॉर्मल बॉडी फंक्शनिंग के लिए।तो इस बात को मानिये कि आपको अपने शरीर को सेहत मंद रखने के लिए एक पूरी और पोषित खुराक चाहिए न कि विटामिंस और सप्लीमेंट्स।
क्या सप्लिमेंट्स शरीर को और ताकतवर बनाते हैं?
अब सवाल यह है की अगर आप एक सप्लिमेंट लेते हैं तो क्या वह आपको और हेल्दी और बनाकर चलेंगे? अगर आप ज्यादा वाइटमिन भी लेते हैं तो आप और मजबूत होंगे? आप ज्यादा वाइटमिन थी यह तो आप की हड्डियां और ज्यादा मजबूत होंगी? ऐसा सच्चाई नहीं है क्योंकि कोई भी चीज ऐसी है जो बैलेंस आपके बॉडी के अंदर जाती है, तो वह मल मूत्र के रास्ते बाहर आएगी। अगर वो बाहर नहीं भी आती तो शरीर मे इकट्ठा होना शुरु कर देगी। इस के बाद वो आपको शरीर मे नुकसान देने लगेगी। यह इक्ट्ठा हुई गंदगी और भी बहुत सार डैमेज करने की ताकत रखती हैं।
विटामिन्स के अधिक सेवन के दुष्प्रभाव
विटामिन्स का हमारे शरीर के विकास और स्वास्थ्य में महत्वपूर्ण योगदान होता है, लेकिन अगर इनका सेवन अधिक मात्रा में किया जाए, तो यह शरीर के लिए हानिकारक हो सकता है। कुछ विटामिन्स जैसे विटामिन A, D, और E शरीर में जमा हो जाते हैं और धीरे-धीरे आंतरिक अंगों को नुकसान पहुंचाने लगते हैं। यह प्रक्रिया धीरे-धीरे होती है, जिससे व्यक्ति को शुरुआत में कोई लक्षण दिखाई नहीं देते, लेकिन समय के साथ इसके गंभीर दुष्प्रभाव सामने आ सकते हैं।
विटामिन A के अधिक सेवन से नुकसान
विटामिन A की अधिक मात्रा शरीर में हाइपरविटामिनोसिस A नामक स्थिति पैदा कर सकती है, जिससे लिवर को नुकसान पहुंचता है। इसके अतिरिक्त, अधिक विटामिन A लेने से बाल झड़ना, त्वचा की सूखापन, सिरदर्द, और हड्डियों की कमजोरी जैसी समस्याएं भी हो सकती हैं। खासकर गर्भवती महिलाओं को इसका अधिक सेवन नहीं करना चाहिए, क्योंकि इससे भ्रूण के विकास में बाधा आ सकती है।
विटामिन D का अत्यधिक सेवन
विटामिन D की अधिकता से शरीर में कैल्शियम की मात्रा बढ़ने लगती है, जिससे हाइपरकैल्सेमिया हो सकता है। यह स्थिति किडनी में कैल्शियम के जमा होने और किडनी स्टोन बनने की संभावना को बढ़ाती है। इसके अलावा, विटामिन D का अधिक सेवन किडनी फेलियर का कारण भी बन सकता है, जिससे व्यक्ति के शरीर में पाचन क्रिया और ब्लड प्रेशर पर असर पड़ता है।
विटामिन E के ज्यादा सेवन से हानिकारक प्रभाव
विटामिन E की अधिक मात्रा लेने से खून का थक्का जमने की क्षमता कम हो जाती है, जिससे अत्यधिक रक्तस्राव का खतरा बढ़ सकता है। खासकर जिन लोगों को सर्जरी या किसी चोट के बाद रिकवरी की ज़रूरत होती है, उनके लिए विटामिन E का अधिक सेवन हानिकारक हो सकता है।
कैल्शियम के अधिक सेवन से किडनी पर असर
अधिक कैल्शियम लेने से किडनी पर बोझ बढ़ जाता है और किडनी स्टोन बनने की संभावना बढ़ जाती है। साथ ही, शरीर में अन्य मिनरल्स का असंतुलन पैदा होता है, जो हड्डियों की सेहत को भी प्रभावित करता है। लंबे समय तक अधिक कैल्शियम का सेवन करने से हड्डियों की प्राकृतिक मजबूती कम हो सकती है और ऑस्टियोपोरोसिस जैसी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।
विटामिन B के ज्यादा सेवन से नर्व डैमेज
विटामिन B समूह के कई विटामिन्स शरीर के लिए आवश्यक होते हैं, लेकिन इनका अधिक सेवन नर्व डैमेज का कारण बन सकता है। विशेषकर विटामिन B6 का ज्यादा मात्रा में सेवन न्यूरोपैथी जैसी स्थितियों को जन्म दे सकता है, जिससे हाथों और पैरों में झुनझुनी या सुन्नपन की समस्या हो सकती है।
विटामिन्स और मिनरल्स का संतुलित सेवन ज़रूरी
अधिकांश लोग मानते हैं कि विटामिन्स और मिनरल्स का ज्यादा सेवन उन्हें और स्वस्थ बना देगा, लेकिन यह सच नहीं है। हमारे शरीर को एक संतुलित मात्रा में ही पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है। अगर इनकी मात्रा ज्यादा हो जाती है, तो यह शरीर में टॉक्सिक बन सकती है और इससे गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।
डॉक्टरी सलाह का महत्व
इसलिए, यदि आपको लगता है कि आपको किसी प्रकार के विटामिन या मिनरल्स के सप्लीमेंट्स लेने की ज़रूरत है, तो बिना डॉक्टरी सलाह के इनका सेवन न करें। डॉक्टर आपके शरीर की स्थिति और आवश्यकताओं को समझकर आपको सही दिशा निर्देश देंगे, ताकि आपका स्वास्थ्य सुरक्षित रहे।
क्या सभी विटामिन्स का अधिक सेवन हानिकारक होता है?
जी हां, विटामिन्स का अधिक सेवन शरीर के लिए हानिकारक हो सकता है। खासकर विटामिन A, D, और E जैसे फैट-सॉल्यूबल विटामिन्स शरीर में जमा हो जाते हैं और अधिक मात्रा में होने पर विभिन्न अंगों को नुकसान पहुंचा सकते हैं।
विटामिन A का अधिक सेवन किस तरह से नुकसानदेह हो सकता है?
विटामिन A का अधिक सेवन हाइपरविटामिनोसिस A का कारण बन सकता है, जिससे लिवर डैमेज, बाल झड़ना, त्वचा की सूखापन, सिरदर्द, और हड्डियों की कमजोरी जैसी समस्याएं हो सकती हैं। गर्भवती महिलाओं में यह भ्रूण के विकास को भी प्रभावित कर सकता है।
विटामिन D की अधिक मात्रा से क्या दुष्प्रभाव होते हैं?
विटामिन D की अधिकता से शरीर में कैल्शियम की अधिकता हो सकती है, जिससे किडनी स्टोन, हड्डियों की कमजोरी, और किडनी फेलियर जैसी समस्याएं हो सकती हैं। अधिक विटामिन D लेने से पाचन और रक्तचाप पर भी बुरा असर पड़ सकता है।
क्या कैल्शियम का अधिक सेवन किडनी स्टोन का कारण बन सकता है?
जी हां, अत्यधिक कैल्शियम का सेवन किडनी स्टोन का कारण बन सकता है, साथ ही इससे शरीर में अन्य मिनरल्स का असंतुलन हो सकता है, जिससे हड्डियों की मजबूती पर नकारात्मक असर पड़ सकता है।
क्या सभी लोगों को सप्लिमेंट्स की ज़रूरत होती है?
नहीं, सभी लोगों को सप्लिमेंट्स की आवश्यकता नहीं होती। अगर आपकी डाइट संतुलित है और आप सभी आवश्यक पोषक तत्वों का सेवन कर रहे हैं, तो सप्लिमेंट्स की ज़रूरत नहीं पड़ती। सप्लिमेंट्स का सेवन सिर्फ डॉक्टर की सलाह पर करना चाहिए।