पानी पानी रे पानी पानी रे यह एक ऐसा गाना है जिसने पानी के महत्व को साफ तौर पर बता दिया है आजकल तो सरकार की तरफ से कुछ ऐसे कैंपेन भी चलाए जा रहे हैं जिसमें पानी को बचाने की बात की जाती है साथ ही साथ क्या आप यह जानते हैं कि इस धरती के ऊपर कम से कम 80% पानी फैला हुआ है वहीं अगर मानव शरीर की बात की जाए तो मानव शरीर में भी कम से कम 70% भाग पानी ही है लेकिन कभी आपने यह सोचा है कि शरीर में आखिर इतना पानी अगर पहले से मौजूद है तो फिर भी क्यों डॉक्टर और घर के बड़े बूढ़े हमेशा यह सलाह देते हैं कि ज्यादा मात्रा में पानी पिए इसके पीछे की वजह जान के आप भी हैरान हो जाएंगे तो चलिए बढ़ते हैं आगे।
कितना पीना चाहिए पानी एक दिन में
बहुत से विशेषज्ञों की रिसर्च के बाद यह बात सामने आई है कि पानी शरीर के लिए बहुत ही जरूरी है। जैसे ही आप चिलचिलाती गर्मी से आते हैं तो ठंडा पानी पीने से आपके शरीर को एकदम गर्मी से राहत मिलती है और बड़ा हुआ टेंपरेचर भी कूल डाउन हो जाता है। इतना ही नहीं पानी पीने से आपका पाचन तंत्र सही रहता है। साथ ही अगर आप रोजाना सही मात्रा में पानी पीते हैं। तो आपकी बॉडी अल्टीमेटली डिटॉक्सिफाई होना शुरू हो जाती है। और सारे के सारे टॉक्सिन माल और मूत्र के रास्ते से बाहर निकल जाते हैं। लेकिन कभी क्या आपने सोचा है कि एक मानव शरीर को एक दिन में औसतन कितना पानी चाहिए होता है? और यह सवाल आप खुद से भी पूछे कि क्या आप अपने शरीर को एक दिन में उसे उतना पानी दे पा रहे हैं कि नहीं?
- तो अगर आप औरत है तो आपको रोज 11 कप पानी पीना चाहिए, जबकि पुरुषों को 15 कप तक पानी पीना चाहिए।
- हालांकि, विशेषज्ञों के मुताबिक, पुरुषों को 3.7 लीटर और महिलाओं को 2.7 लीटर पानी पीना चाहिए.
- चलिए इसको और भी बेहतर तरीके से समझते हैं, मान लीजिए अगर आपका वज़न 72 किलो है, तो आपको रोज़ाना करीब 2.5 लीटर पानी तो पीना चाहिए.
- वही अगर आपका वज़न 85 किलो होने पर आपको रोज़ाना करीब 3 लीटर और वज़न 100 किलो होने पर करीब 3.5 लीटर पानी पीना चाहिए।
- जैसा कि डॉक्टर्स कहते है कि गर्भवती महिला एक साथ दो। शरीरों का पोषण करती है तो इसलिए गर्भवती महिलाओं को अतिरिक्त 0.3 लीटर (10 फ़्लॉज़) पानी की ज़रूरत हो सकती है.
- वहीं दूसरे तरफ अगर आप अपने बच्चे को स्तनपान कराने वाली महिलाओं को अतिरिक्त 0.7 से 1.1 लीटर (23-37 फ़्लॉज़) पानी की ज़रूरत होती है.
ज्यादा पानी पीने से आखिर होता क्या है, क्यों बना है यह बहस का मुद्दा
इस बात में कोई भी शक नहीं है कि मानव शरीर के अंदर पानी की बहुत ज्यादा जरूरत है। लेकिन कुछ विशेषज्ञ यह भी मानते हैं कि ज्यादा पानी पीना सेहत के लिए नुकसानदायक हो सकता है। तो वहीं कुछ विशेषज्ञों का कहना यह है कि शरीर को जितना ज्यादा पानी मिलेगा उतना जल्दी ही यह बदन को डिटॉक्सिफाई करेगा और आप बीमारियों से दूर रहेंगे।
मानव शरीर को मौसम और जरूरत के हिसाब से पानी पीना चाहिए। अगर मौसम गर्मी का है तो जल्दी डिहाइड्रेशन का मसला बन जाता है। इस वजह से हर थोड़ी देर के बाद पानी पीना जरूरी है।
लेकिन अगर मौसम ठंडा है तो डिहाइड्रेशन कम होती है तो इसके लिए आपको सही मात्रा में ही पानी का सेवन करना चाहिए। ना कम, ना ज्यादा । विशेषज्ञों का मानना है कि जो लोग जरूर से ज्यादा पानी पीते हैं उनके शरीर में खून काफी पतला होना शुरू हो जाता है और कुछ मरीजों में तो खून की कमी भी देखी गई है। इस कंडीशन को ओवर हाइड्रेशन कहा जाता है। ओवर हाइड्रेशन एक ऐसी कंडीशन है जिसके अंदर मानव शरीर को प्यास ना लगने के बाद भी पानी पीने की इच्छा रहती है। कुछ कुछ केसेस में तो दिमाग की सूजन जैसी स्थिति भी देखी गई है। कुछ ओवर हाइड्रेटेड मरीजों ने बताया है कि उनके पेशाब का रंग हल्का पीला होने लगा है जो की एक अच्छा लक्षण नहीं है।
पानी पीने के फायदे: क्यों है यह जरूरी?
डिटॉक्सिफिकेशन: शरीर की सफाई
पानी शरीर को डिटॉक्सिफाई करने में मदद करता है। जब आप पर्याप्त मात्रा में पानी पीते हैं, तो शरीर से टॉक्सिन्स को बाहर निकालना आसान हो जाता है। यह मूत्र और पसीने के माध्यम से होता है, जिससे शरीर स्वस्थ और ताजगी भरा महसूस करता है।
कब्ज से राहत
पानी की सही मात्रा से कब्ज की समस्या से छुटकारा मिल सकता है। जिन लोगों को कब्ज की समस्या होती है, उनके लिए पानी पीना एक प्राकृतिक और सरल उपाय है।
त्वचा में निखार
अगर आपकी त्वचा में रूखापन है या उसकी चमक खो गई है, तो पानी पीने से त्वचा में सुधार देखा जा सकता है। पानी त्वचा को मॉइश्चराइज रखता है और प्राकृतिक निखार लाता है।
सही तापमान बनाए रखने में सहायक
गर्मियों के मौसम में शरीर का तापमान बढ़ जाता है। ठंडा पानी पीने से आपका शरीर ठंडा होता है और तापमान सामान्य हो जाता है। इससे शरीर में ठंडक बनी रहती है और आपको राहत मिलती है।
अंदरूनी तंत्र का स्वस्थ संचालन
शरीर के विभिन्न अंगों और प्रणालियों के सही संचालन के लिए पानी अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह ऑक्सीजन, हार्मोन, और मिनरल्स को शरीर के अंदर एक जगह से दूसरी जगह पहुँचाने में मदद करता है।
पसीना और त्वचा की सफाई
पसीना आना हमारे शरीर के लिए फायदेमंद होता है, क्योंकि इसके माध्यम से त्वचा की गंदगी और जीवाणु बाहर निकल जाते हैं। यह पानी की ही देन है कि आपकी त्वचा स्वस्थ रहती है और कई प्रकार के त्वचा रोगों से बचाव होता है।
पानी की कमी से होने वाले नुकसान
डिहाइड्रेशन: शरीर में पानी की कमी
डिहाइड्रेशन तब होता है जब शरीर में पानी की मात्रा बहुत कम हो जाती है। इससे सिरदर्द, थकान, चक्कर आना, और ध्यान में कमी जैसी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। खासतौर पर गर्मियों के मौसम में यह समस्या और भी अधिक हो जाती है।
मांसपेशियों में खिंचाव
पानी की कमी से मांसपेशियों में खिंचाव और ऐंठन जैसी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। यह शरीर के विभिन्न अंगों के सही कामकाज में बाधा डाल सकता है।
पानी की सही मात्रा का सेवन कैसे करें?
हर व्यक्ति के शरीर की पानी की आवश्यकता अलग-अलग हो सकती है। गर्मियों में अधिक पानी की आवश्यकता होती है, जबकि ठंड के मौसम में कम पानी पर्याप्त होता है। पानी पीने की आदतें बदलने और उसे संतुलित रखने से आप स्वास्थ्य समस्याओं से बच सकते हैं।
पानी कब और कैसे पिएं?
- सुबह उठते ही: दिन की शुरुआत गुनगुने पानी से करें, यह पाचन तंत्र को सही रखने में मदद करता है।
- खाना खाने से पहले: भोजन से पहले पानी पीने से आप खाने में कम कैलोरी लेते हैं, जिससे वजन कम करने में मदद मिल सकती है।
- खेलकूद या व्यायाम के दौरान: शारीरिक गतिविधियों के दौरान पानी का सेवन जरूरी है ताकि शरीर डिहाइड्रेट न हो।
- सोने से पहले: सोने से पहले एक गिलास पानी पीने से शरीर को रात भर हाइड्रेट रखने में मदद मिलती है।
ज्यादा पानी पीने के नुकसान: सच या मिथक?
जहां एक तरफ पर्याप्त पानी पीना स्वास्थ्य के लिए लाभदायक है, वहीं दूसरी ओर अधिक मात्रा में पानी पीना हानिकारक हो सकता है। विशेषज्ञों के अनुसार, अत्यधिक पानी पीने से खून पतला हो सकता है और कुछ मामलों में शरीर में पानी की अधिकता से ओवरहाइड्रेशन की समस्या उत्पन्न हो सकती है।
ओवरहाइड्रेशन: शरीर पर क्या प्रभाव पड़ता है?
ओवरहाइड्रेशन एक ऐसी स्थिति है जिसमें शरीर में पानी की अधिकता हो जाती है। इससे खून में इलेक्ट्रोलाइट्स का संतुलन बिगड़ जाता है, जिससे कमजोरी, उल्टी, और कुछ मामलों में दिमागी सूजन तक की समस्या हो सकती है। इस स्थिति में पेशाब का रंग हल्का पीला या सफेद हो सकता है, जो एक चेतावनी का संकेत है कि आपको पानी की मात्रा कम करनी चाहिए।
निष्कर्ष: जल ही जीवन है
पानी पीना सेहत के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है, लेकिन इसे संतुलित मात्रा में पीना चाहिए। अधिक पानी पीने से जहां ओवरहाइड्रेशन जैसी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं, वहीं कम पानी पीने से डिहाइड्रेशन का खतरा रहता है। इसलिए, सही मात्रा में पानी का सेवन करें और अपने शरीर को स्वस्थ रखें। याद रखें, जल ही जीवन है, और इसका महत्व कभी नहीं भूला जाना चाहिए।