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सर्वाइकल स्पॉन्डिलाइटिस: जब गर्दन ने कहा, ‘आराम का समय आ गया है!

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सर्वाइकल स्पॉन्डिलाइटिस क्या है?

 गर्दन का दर्द आजकल एक बहुत आम समस्या है जिससे वृद्ध लोग ही नहीं, यंगस्टर भी बहुत ज्यादा परेशान रहते हैं। कभी-कभी यह दर्द इतना ज्यादा होता है कि लोगों की दिनचर्या को भी प्रभावित करने लगता है। इसी विषय को आगे बढ़ाते हुए, आज हम बात करेंगे गर्दन में दर्द के एक बहुत आम कारण सर्वाइकल स्पॉन्डिलाइटिस की, जिसे लोग आम बोलचाल की भाषा में सर्वाइकल का दर्द भी कहते हैं।

सर्वाइकल स्पॉन्डिलाइटिस के कारण

 हम जानेंगे कि सर्वाइकल स्पॉन्डिलाइटिस होने का कारण क्या है, इसके लक्षण क्या हैं, क्या सर्वाइकल स्पॉन्डिलाइटिस का उपचार संभव है, और अगर हां, तो इसके लिए बेस्ट ट्रीटमेंट क्या होता है। इसका डायग्नोसिस कैसे होता है, इससे बचाने के लिए हम क्या उपाय कर सकते हैं ताकि हमें यह परेशानी हो ही न, और उन गंभीर लक्षणों के बारे में बात करेंगे जो अगर किसी व्यक्ति को हों, तो इसका मतलब है कि यह सर्वाइकल स्पॉन्डिलाइटिस की बीमारी गंभीर रूप ले चुकी है और आपको तुरंत ही डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।

रीढ़ की हड्डी और सर्वाइकल स्पाइन

 हमारी रीढ़ की हड्डी में 33 गत (या वर्टेब्रा) होते हैं। गर्दन  में इनमें से सात गुटके होते हैं, जिन्हें मेडिकल भाषा में सर्वाइकल स्पाइन भी कहा जाता है। इन गुटकों के बीच में जगह होती है, जिसमें से हमारी स्पाइन कार्ड और नर्वस निकलते हैं। दोस्तों, स्पाइन कार्ड में एक स्ट्रक्चर है जो ब्रेन से मैसेज पूरे शरीर में लेकर जाती है। इन गुटकों के बीच में डिस्क होती है, जिन्हें डिस्क कहा जाता है। यह डिस्क शॉक एब्जॉर्बर की तरह काम करती है। डिस्क फ्लेक्सिबल और लचीले जेल टाइप मटेरियल से बनी होती है। यह आपस में जॉइंट से जुड़े होते हैं। इसके अलावा, इन गुटकों के चारों तरफ लिगामेंट नाम के स्ट्रक्चर होते हैं जो गुटकों को सीधा रखने और जोड़े रखने में मदद करते हैं।

सर्वाइकल स्पॉन्डिलाइटिस के लक्षण 

सर्वाइकल स्पॉन्डिलाइटिस में गर्दन में दर्द सबसे आम लक्षण होता है, पर इसके अन्य लक्षण भी आने लगते हैं, जैसे कि गर्दन  में जकड़न होना, गर्दन  को दाएं और बाएं, आगे-पीछे घूमाने से दर्द का बढ़ जाना, हाथों में सुन्नपन, झनझनाहट, मसाले स्पर्स होना, गर्दन  घूमने पर कड़क-कड़क की आवाज आना, चक्कर आना, सिर दर्द होना, इत्यादि।

सर्वाइकल स्पॉन्डिलाइटिस के कारण

 अब हम बात करते हैं सर्वाइकल स्पॉन्डिलाइटिस के कारणों के बारे में। 

  • पहले कारण है: डिस्क के बीच में मौजूद जेली जैसे तरल पदार्थ का कम होना। डिस्क की ऊंचाई कम होने लगती है और इसका इलास्टिसिटी चली जाती है। डिस्क में क्रैक हो जाता है, इस कंडीशन को स्लिप डिस्क भी कहा जाता है। यह बाहर निकला हुआ भाग रीढ़ की हड्डियों के बीच में एक बल्क बनाता है, जिससे आस-पास के नसों और स्पाइन कार्ड पर दबाव बनता है। इससे हाथों में दर्द, सुन्नपन, झनझनाहट जैसे लक्षण आने लगते हैं। 
  • दूसरा कारण है ओस्टियोआर्थराइटिस यानी घटिया, जिसमें जॉइंट्स के कटिलेज खराब होने लगता है। बोन स्पर्स या ओस्टियोफिट्स, जिसमें रीढ़ की हड्डियों के गुटके आपस में झगड़ने लगते हैं और वहां बोन स्पर्स या हड्डी का सामान्य उभार बन जाता है।
  • तीसरा कारण है मसल्स स्ट्रेन या मांसपेशियों में तनाव होना। जब गर्दन की किसी एक मांसपेशी पर ज्यादा जोर पड़ता है, तो आपको सर्वाइकल स्पॉन्डिलाइटिस का दर्द हो सकता है। जैसे कि गलत एंगल से टीवी देखना, लगातार लंबे समय तक लैपटॉप पर काम करना, या मोबाइल की स्क्रीन को लंबे समय तक देखना, ज्यादा ऊंचा तकिया लगाकर सोना, इत्यादि।

सर्वाइकल स्पॉन्डिलाइटिस का डायग्नोसिस 

अगर आप डॉक्टर के पास जाते हैं और उन्हें अगर इस दर्द का कारण सर्वाइकल स्पॉन्डिलाइटिस होने का संदेह होता है, तो वह आपके कुछ एग्जामिनेशन करते हैं। आपकी गर्दन  की मांसपेशियों की पावर, फ्लैक्सिबिलिटी, रिफ्लेक्स चेक किया जाता है। गर्दन  के साथ कंधों का भी एग्जामिनेशन किया जाता है। इसके अलावा, एक एक्स-रे भी करवाई जाती है। अगर किसी नस पर दबाव का संदेह होता है, तो कुछ एडवांस टेस्ट भी करवाए जाते हैं, जिसमें सर्वाइकल एनालिसिस शामिल है।

सर्वाइकल स्पॉन्डिलाइटिस का इलाज

सर्वाइकल स्पॉन्डिलाइटिस के उपचार के तरीके 

सर्वाइकल स्पॉन्डिलाइटिस का इलाज इस बात पर निर्भर करता है कि क्या इस बीमारी से कोई नस कंप्रेस हो रही है या नहीं। अगर कोई नस कंप्रेस नहीं हो रही है, तो ट्रीटमेंट की शुरुआत में दबाव के साथ फिजियोथैरेपी दी जाती है। आपको लक्षणों के अनुसार पेनकिलर, सूजन कम करने की दवाइयां और मांसपेशियों को आराम देने की दवाइयां रिकमेंड की जाती हैं। आपको कुछ स्ट्रेचेज और एक्सरसाइज सिखाई जाती है, जो आप घर पर या किसी ट्रेन फिजियोथैरेपिस्ट की देखरेख में कर सकते हैं। इन एक्सरसाइज का उद्देश्य गर्दन  की मांसपेशियों को मजबूत करना है। ठंडा सेक, गर्म सेक और मसाज भी रिकमेंड किया जाता है। आप ठंडा सेक किसी भी ग्राम पानी की थैली से कर सकते हैं, और गर्म सेक के लिए आप आई स्पेस का इस्तेमाल कर सकते हैं। आपको सॉफ्ट नेक कॉलर पहनने की भी सलाह दी जाती है, जिससे गर्दन  की मांसपेशियों में तनाव को आराम मिलता है, लेकिन ध्यान रखें कि यह कॉलर लंबे समय तक न पहनें, डॉक्टर की सलाह के बिना, क्योंकि इससे मांसपेशियों की कमजोर हो सकती है।

सर्वाइकल स्पॉन्डिलाइटिस में सर्जरी 

अगर लक्षण बहुत गंभीर हैं, तो इंजेक्टेबल थैरेपी भी दी जा सकती है, जिसमें स्टेरॉयड इंजेक्शन सीधे गर्दन  की हड्डियों के बीच में दिया जाता है। इसके अलावा, रेडियोफ्रीक्वेंसी तकनीक भी इस्तेमाल की जा सकती है, जिसमें दर्द वाले हिस्से को शांत किया जाता है। सर्जरी करने की भी सलाह दी जा सकती है। 

सर्वाइकल स्पॉन्डिलाइटिस के ज्यादातर केस नॉन-सर्जिकल ट्रीटमेंट से ही ठीक हो जाते हैं। बहुत कम केसों में और फिजियोथैरेपी से भी आराम नहीं मिलने पर सर्जरी की सलाह दी जाती है। अगर हाथ-पैरों में कमजोरी, दर्द बहुत ज्यादा हो रहा हो, चलने पर अस्थिरता हो, या पेशाब और मोशन कंट्रोल नहीं कर पा रहे हों, तो ऐसे केसों में सर्जरी की सलाह दी जाती है। 

सर्वाइकल स्पॉन्डिलाइटिस में तीन तरह की सर्जरी की जाती है: पहली सर्जरी में डिस्क को खोल दिया जाता है, इसे डिस्क कम्प्रेशन सर्जरी कहते हैं।

 दूसरी सर्जरी में डिस्क को खोलने के साथ-साथ हड्डियों को आपस में जोड़ा भी जाता है, इसे फ्यूजन सर्जरी कहते हैं। तीसरी सर्जरी का नाम है सर्वाइकल डिस्क रिप्लेसमेंट सर्जरी, जिसमें दो हड्डियों के बीच का मूवमेंट भी बरकरार रखा जाता है और नस को भी खोल दिया जाता है।

 यह तीनों सर्जरी बहुत सुरक्षित होती हैं, पर इनसे जुड़ी कुछ रिस्क भी होते हैं, जैसे कि नसों को नुकसान पहुंचना, गर्दन  में दर्द बढ़ना, रिस्ट्रिक्शन या लिमिटेड मोवमेंट होना, इत्यादि।

सर्वाइकल स्पॉन्डिलाइटिस से बचाव के उपाय 

इस बीमारी को बचाने के लिए आपको अपनी लाइफस्टाइल में बदलाव करने होंगे, जैसे कि सही तरीके से बैठना और काम करना, बुरी आदतों को छोड़ना, और रोजाना कुछ वॉर्म-अप और स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज करना।

सर्वाइकल स्पॉन्डिलाइटिस एक गंभीर लेकिन आम समस्या है, जिसका निदान और उपचार समय पर करना बेहद महत्वपूर्ण है। गर्दन में दर्द और असुविधा का सामना करने वाले लोगों के लिए यह आवश्यक है कि वे सही जानकारी और उपचार विधियों से परिचित हों। यह स्थिति अक्सर खराब जीवनशैली, गलत शारीरिक आदतों, या उम्र के साथ होने वाली बदलावों के कारण उत्पन्न होती है।

इस लेख में हमने सर्वाइकल स्पॉन्डिलाइटिस के कारण, लक्षण, निदान, उपचार, और बचाव के उपायों पर विस्तार से चर्चा की है। सही उपचार और जीवनशैली में बदलाव के साथ, अधिकांश मामलों में मरीजों को राहत मिल सकती है। फिजियोथेरेपी, दवाइयां, और आसान घरेलू उपचार इस स्थिति को प्रबंधित करने में सहायक हो सकते हैं। गंभीर मामलों में सर्जरी की आवश्यकता हो सकती है, लेकिन यह केवल अंतिम विकल्प के रूप में ही देखा जाना चाहिए।

सर्वाइकल स्पॉन्डिलाइटिस से बचाव के लिए नियमित वॉर्म-अप, सही शारीरिक मुद्रा, और स्वस्थ जीवनशैली को अपनाना महत्वपूर्ण है। सही समय पर उपचार और उचित देखभाल के साथ, आप इस समस्या को नियंत्रित कर सकते हैं और अपने जीवन की गुणवत्ता को बनाए रख सकते हैं।

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