Ash gourd in hindi Ash gourd in hindi

ऐश गॉर्ड आपको दे सकता हे सारे बिमारिओ से छुटकारा : Ash Gourd के धमाकेदार फायदे और मजेदार उपयोग हिंदी में!

petha in hindi

क्या आप जानते हैं कि आयुर्वेद में कुछ स्थान इतने महत्वपूर्ण माने जाते हैं कि इनकी चोट से गंभीर बीमारियाँ हो सकती हैं? हाँ, ये स्थान हैं   मस्तिष्क (ब्रेन), हृदय (हार्ट), और बस्ती (किडनी)। अगर इनमें कोई समस्या आ जाए, तो नतीजे  बहुत ही भयानक और जानलेवा भी हो सकते हैं। लेकिन चिंता की कोई बात नहीं, क्योंकि आज हम बात करेंगे एक ऐसे फल की, जो इन महत्वपूर्ण अंगों के लिए बेहतरीन और इनकी  सेहत का खास तौर पर ध्यान रखता है। इस फल का नाम है कुष्मांडा या सफेद पेठा (Ash gourd)।

विषयसूची

कुष्मांडा (Ash Gourd) का परिचय

अगर हम बात करें आयुर्वेद की तो, इसके  के अनुसार, कुष्मांडा या सफेद पेठा (Ash gourd) l ‘सर्वश्रेष्ठ फल’ माना गया है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि यह फल आपके ब्रेन, हार्ट और किडनी के लिए क्यों फायदेमंद है? आइए जानें इसके बारे में विस्तार से।

जैसे-जैसे ठंड का मौसम बढ़ता है,वैसे ही हमारे शरीर को ज्यादा ताकत की जरूरत पड़ती है। ऐसे में सफेद पेठा एक बेहतरीन रसायन के रूप में काम करता है। ऐसा नहीं है कि बाकी 10 महीने यह मार्केट में मौजूद नहीं होता। लेकिन ठंड के मौसम में इसके फायदे ज्यादा मिलते हैं।

तो सबसे पहले जान लेते हैं कि इसे किस-किस नामों से जाना जाता है। इसका एक नाम सफेद पेठा है। कद्दू के नाम से भी यह जाना जाता है। इंग्लिश में इसे ऐशगोेट या व्हाइट पंपकिन के नाम से भी जानते हैं। इसका जो लैटिन नाम है, वह बेनिनकेसा हिस्पिडा है। अब मैं आपको इसके गुण बता देता हूं। तो यह लघु है, स्निग्ध है, पचने में हल्का होता है, शरीर में स्निग्धता लाने वाला होता है, मधुर और अम्ल रस युक्त होता है, यानि यह स्वाद में मीठा होता है और थोड़ा खट्टा भी होता है। यह शीतवीर्य होता है, यानि इसकी जो तासीर होती है, वह ठंडी होती है और यह वात दोष का और पित्त दोष का शमन करने वाला होता है। वात और पित्त दोष जन्य व्याधियों में इसका इस्तेमाल  किया जाता है। यह विशेष रूप से पित्त शामक होता है। इसका जो विशेष इस्तेमाल  है, वह पित्त दोष जन्य व्याधियों में विशेष रूप से करते हैं।


कुष्मांडा (सफेद पेठा) के लाभ

पेठा का दिमाग पर असर

कूष्माण्ड का खास असर आपके  दिमाग़ पर होता है। यह आपके दिमाग को ताकत देने वाला होता है, आपकी याद्दाश्त को बढ़ाने वाला होता है। जिन लोगों को दिमागी दुर्बलता रहती हो या जिन लोगों को याद किया हुआ पाठ भूल जाते हो, जल्दी-जल्दी भूलने की शिकायत हो, या जिन लोगों को किसी भी प्रकार की मानसिक परेशानी हो, वे तनाव में रहते हों या मिर्गी के दौरे की शिकायत हो या उन्माद की शिकायत हो, हर प्रकार की मानसिक बीमारी में इसका इस्तेमाल  विशेष रूप से फायदेमंद  रहता है। यह आपकी मेधा शक्ति, धारणा शक्ति, स्मृति शक्ति, यानि आपकी याद्दाश्त, आपकी सोचने-समझने की शक्ति को बढ़ाने वाला होता है और यह नींद लाने वाला भी होता है। जिन लोगों को नींद कम आती हो, उनके लिए भी यह विशेष रूप से फायदेमंद  रहता है।

प्यास को शांत करने वाला होता है सफ़ेद पेठा

इसके अलावा, कूष्माण्ड आपकी प्यास को शांत करने वाला होता है। जिन लोगों को ज्यादा प्यास लगती हो, बार-बार प्यास लगती हो, गला सूखा सूखा सा रहता हो, पानी पीने के बाद भी प्यास नहीं मिटती हो, उन लोगों के लिए कूष्माण्ड विशेष रूप से फायदेमंद  रहता है। इसके अलावा, यह अनुलोमक भी है। यह आपके मल को पचाने वाला होता है और मल को बाहर निकालने वाला होता है। जिन लोगों को कब्ज की शिकायत रहती हो, उनके लिए भी यह विशेष रूप से फायदेमंद  है। इसका जो विशेष प्रभाव होता है, वह गैस्ट्रिक अल्सर में होता है, यानि पेट में जिन लोगों के पेट में घाव हो जाते हैं, जिन लोगों को अल्सर की शिकायत रहती हो, उन लोगों के लिए यह विशेष रूप से फायदेमंद  रहता है। यह पित्त शामक होने के कारण आपके पेट में अतिरिक्त गर्मी को शांत करने वाला होता है।

पेट के कीड़ों को खत्म करने में कारगर 

कूष्माण्ड के बीज आपके पेट में होने वाले कीड़ों के लिए विशेष रूप से फायदेमंद  रहते हैं। कूष्माण्ड के बीजों के इस्तेमाल  से पेट के कीड़े मरकर बाहर निकल जाते हैं। कूष्माण्ड आपके हृदय को ताकत देने वाला होता है। यह रक्त पित्त में विशेष रूप से फायदेमंद  रहता है। जिन लोगों को ब्लीडिंग की शिकायत रहती हो, नाक से ब्लीडिंग होती हो, उन लोगों के लिए यह विशेष रूप से फायदेमंद  रहता है। यह आपके रक्त को जमाने वाला होता है और ब्लीडिंग को रोकने वाला होता है। इसके अलावा, कूष्माण्ड आपके लिवर को भी ताकत देने वाला होता है और इसका विशेष प्रभाव आपके मूत्राशय पर होता है। यह मूत्रल होता है। इसके इस्तेमाल  से मूत्र की मात्रा बढ़ जाती है और मूत्र साफ आने लगता है।

जिन लोगों को पेशाब में जलन की शिकायत रहती हो या पेशाब करते समय दर्द होता हो, या जिन लोगों को मूत्र मार्ग में पथरी की शिकायत हो, उन लोगों के लिए कूष्माण्ड विशेष रूप से फायदेमंद  रहता है। यह मूत्र की मात्रा को बढ़ा देता है, मूत्र मार्ग को साफ कर देता है, और पथरियों को तोड़कर बाहर निकालने का भी यह कार्य करता है। यह आपके शरीर के लिए बाजीकारक होता है, शरीर में ताकत लाने वाला होता है, शुक्र धातु को बढ़ाने वाला होता है। तो जिन लोगों को शुक्र दौर्यवल की शिकायत रहती हो, उन लोगों के लिए कूष्माण्ड विशेष रूप से फायदेमंद  रहता है। यह आपके शरीर में होने वाली जलन, दाह में, जिन लोगों को ज्यादा गर्मी लगती हो, उन लोगों के लिए विशेष रूप से फायदेमंद  रहता है। जिन लोगों की पित्त प्रकृति हो, उन लोगों के लिए भी कूष्माण्ड विशेष रूप से फायदेमंद  है। गर्मी के दिनों में इसका सेवन विशेष रूप से फायदेमंद  रहता है।

मूत्र से जुड़ेरोगोंमें फायदेमंद

अगर संक्षेप में कूष्माण्ड के गुण कहें, तो यह आपकी भूख को बढ़ाने वाला होता है, यह आपके मल को बाहर निकालने वाला होता है, मूत्र की मात्रा को बढ़ाने वाला होता है, दिमाग को शांति प्रदान करने वाला होता है, और इसका इस्तेमाल  आप कामोत्तेजना के लिए भी कर सकते हैं। अब मैं आपको बता देता हूं कि आप कूष्माण्ड का इस्तेमाल  किस प्रकार से कर सकते हैं। तो इसके लिए आप कूष्माण्ड के स्वरस का इस्तेमाल  करें, वह आपको विशेष रूप से फायदेमंद  रहेगा।

इसके फल को लेकर और उसे कद्दूकस करके, कूट पीसकर उसका स्वरस निकाल लें, उसका जूस निकाल लें। और 10 से 20 एमएल की मात्रा में रोज सुबह इसका इस्तेमाल  करें। खाली पेट इस्तेमाल  करें, वह और भी अच्छा है। इस प्रकार आप कूष्माण्ड के फायदे उठाने के लिए इसके जूस का इस्तेमाल  करेंगे, तो यह आपको कूष्माण्ड के सारे लाभ देगा। इसके अलावा, पेट के कीड़ों के लिए इसके बीज के चूर्ण का इस्तेमाल  भी किया जाता है। उसका इस्तेमाल  आप तीन से पांच ग्राम तक की मात्रा में कर सकते हैं और दिन में एक बार इसका इस्तेमाल  कर सकते हैं। कूष्माण्ड पित्त प्रकृति के लिए, पित्त दोष जन्य रोगों के लिए, और गर्मी के दिनों में विशेष रूप से फायदेमंद  रहता है।

 पेठा (Ash Gourd) के बारे में मिथक और तथ्य  

  मिथक 1: पेठा का स्वाद सिर्फ मीठा होता है और इसका कोई औषधीय महत्व नहीं है।  

  तथ्य:   पेठा का स्वाद मीठा होता है, लेकिन इसका औषधीय महत्व अत्यधिक है। आयुर्वेद में इसे विभिन्न स्वास्थ्य समस्याओं के उपचार में इस्तेमाल  किया जाता है। यह हृदय, मस्तिष्क और किडनी के स्वास्थ्य को बढ़ाने में सहायक है। इसके ठंडे प्रभाव और लुब्रिकेशन गुण इसे शरीर की गर्मी को नियंत्रित करने में मदद करते हैं।

  मिथक 2: पेठा सिर्फ गर्मी के मौसम में ही फायदेमंद  होता है।  

  तथ्य:   पेठा का सेवन पूरे साल किया जा सकता है, विशेषकर ठंड के मौसम में यह अधिक लाभकारी होता है। इसकी ठंडी तासीर शरीर को ठंडक प्रदान करती है और गर्मियों में भी इसका उपयोग शरीर को ठंडा रखने के लिए किया जा सकता है।

  मिथक 3: पेठा का सेवन किडनी स्टोन या पेशाब की समस्याओं को हल नहीं कर सकता।  

  तथ्य:   पेठा का नियमित सेवन किडनी स्टोन और पेशाब की समस्याओं में लाभकारी हो सकता है। यह पेशाब साफ करने, रक्त विकार को दूर करने और किडनी के कार्य को बेहतर बनाने में मदद करता है।

  मिथक 4: पेठा का उपयोग केवल सब्जी के रूप में ही किया जा सकता है।  

  तथ्य:   पेठा को केवल सब्जी के रूप में ही नहीं बल्कि इसके रस, हलवे और पेस्ट के रूप में भी उपयोग किया जा सकता है। इसे दवा के रूप में भी सेवन किया जाता है, जो मानसिक विकार, हृदय की समस्याओं और इम्यूनिटी बढ़ाने में सहायक है।

  मिथक 5: पेठा का उपयोग केवल घरेलू इलाज के रूप में किया जाता है, इसका वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है।  

  तथ्य:   पेठा के लाभों की पुष्टि आयुर्वेद के साथ साथ आधुनिक चिकित्सा अनुसंधान द्वारा भी की गई है। यह मानसिक स्वास्थ्य, हृदय स्वास्थ्य, और किडनी की कार्यक्षमता को सुधारने में मददगार है।

इन मिथकों और तथ्यों के आधार पर, आप पेठा के लाभों को समझ सकते हैं और इसे अपने स्वास्थ्य के लिए एक महत्वपूर्ण आहार बना सकते हैं।

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