आज इस लेख में हम बात करने वाले हैं कश्मीरी गार्लिक के बारे में। कश्मीरी गार्लिक यानी लहसुन की एक ऐसी वैरायटी है जो कि नॉर्मल लहसुन के मुकाबले करीब 7 गुना ज्यादा पावरफुल होती है। यानी करीब 7 गुना ज्यादा बेनिफिट्स आपको कश्मीरी गार्लिक से मिलते हैं। तो आज हम जानेंगे कि कश्मीरी गार्लिक क्या होता है, इसकी पहचान आप कैसे करेंगे, कौन-कौन से फायदे इससे आपको होते हैं, और लास्टली इसको आपको किस तरीके से इस्तेमाल करना चाहिए। तो
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कश्मीरी गार्लिक यानी पहाड़ी लहसुन, जैसा कि इसके नाम से ही जाहिर है, एक ऐसी वैरायटी है लहसुन की जो कि माउंटेंस में पैदा होती है। कश्मीरी गार्लिक वाली वैरायटी की खास तौर से अगर हम बात करें तो यह कश्मीर में जो माउंटेंस है, हाई एल्टीट्यूड वाले हिमालय हैं, उनके अंदर पैदा होती है। आमतौर पर जो हम लोग अपने खाने में या दूसरी चीजों में इस्तेमाल करते हैं लहसुन, वह कुछ इस तरह का दिखता है – एक व्हाइट कलर का बड़ा सा होता है, बब्बल स्ट्रक्चर और इसके अंदर छोटी-छोटी कलियां होती हैं जो आपस में जुड़ी हुई होती हैं। यह एक नॉर्मल गार्लिक है। लेकिन अगर हम पहाड़ी गार्लिक यानी कश्मीरी लहसुन की बात करें तो वो दिखता है छोटा, इसमें एक गार्लिक के अंदर बहुत सारी कलियां होती हैं, लेकिन जो कश्मीरी गार्लिक होता है, उसमें एक गार्लिक में एक ही कली होती है – सिंगल पीस होता है। और इसको अगर हम छील लें, इसके ऊपर जो छिलका है, अगर इसको छील लें, तो अंदर से कुछ इस तरह का ये गार्लिक निकलता है। एकदम व्हाइट और कुछ-कुछ दिखने में मोती की तरह।
कश्मीरी लहसुन से मिलते है बेमिसाल फ़ायदे
यह जो गार्लिक है, कश्मीरी वाला, यह गार्लिक से साइज में बहुत ही छोटा है, लेकिन इसके साइज पर मत जाइए। अगर हम पोटेंसी की बात करें तो यह गार्लिक से बहुत ज्यादा पावरफुल होता है। यानी साइज में जितना छोटा है, पावर में एफिशिएंसी में उतना ही बड़ा है। तो चलिए बात करते हैं इस कश्मीरी गार्लिक से आपको कौन-कौन से बेनिफिट्स मिलते हैं। इसके साथ-साथ हम जानेंगे कि यह नॉर्मल गार्लिक से क्यों ज्यादा बेहतर है।
कार्डियोवास्कुलर हैल्थ के लिए उपयोगी है यह कश्मीरी लहसुन
- तो सबसे पहला बेनिफिट जो कि कश्मीरी गार्लिक का इस्तेमाल करने से आपको मिलता है, वह है आपके कार्डियोवैस्कुलर हेल्थ के लिए, यानी आपके दिल की सेहत के लिए। कश्मीरी गार्लिक को दिल का बेस्ट फ्रेंड भी आप कह सकते हैं क्योंकि यह आपके ओवरऑल हेल्थ को इंप्रूव करता है। हार्ट की अक्सर लोग सोचते हैं कि कश्मीरी गार्लिक खाने से सिर्फ आपका कोलेस्ट्रॉल ही कम होता है। जी हां, इसको खाने से आपका कोलेस्ट्रॉल कम होता है। कश्मीरी गार्लिक आपके एलडीएल यानी बैड कोलेस्ट्रॉल को कम करता है और आपके अच्छे यानी गुड कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाने का काम करता है।
- लेकिन इसके साथ-साथ यह आपके खून को पतला भी करता है। खून के अंदर थक्का बनने को कम करता है, आपके अंदर ब्लड प्रेशर बढ़ाने के चांसेस कम हो जाएंगे।
- और एक बहुत ही इंपॉर्टेंट चीज जो कि यह कश्मीरी गार्लिक आपकी नसों के अंदर, आपके खून के अंदर करता है, वह यह कि आपकी जो ब्लड वेसल्स होती हैं, उनके अंदर इन्फ्लेमेशन को कम कर देता है।
- इन्फ्लेमेशन बहुत सारे लोग नहीं समझ पाते हैं और यह मानते हैं कि इन्फ्लेमेशन सिर्फ एक सूजन होती है। बेसिकली इन्फ्लेमेशन सूजन नहीं है। इसे समझने के लिए आप ऐसे समझिए कि मान लीजिए कभी अगर आपकी चोट लगी हो या अगर आपकी कोई जख्म हो गया हो, तो उसे चोट या जख्म के आसपास का जो एरिया होता है, वहां एक रेड नेस सी, एक लाल सी एरिया हो जाती है। और वह जगह थोड़ा सी गर्म हो जाती है। बेसिकली यही जो है वह इन्फ्लेमेशन होता है। और यह इन्फ्लेमेशन अगर आपकी नसों के अंदर हो जाए खून की, तो यह एक बहुत ही बड़ा रिस्क फैक्टर होता है आपकी नसों में ब्लॉकेज के पैदा होने का।
- तो इसलिए जब आप गार्लिक को इस्तेमाल करते हैं, दोस्तों, यह इन्फ्लेमेशन आपकी नसों के अंदर कम हो जाता है। इसके होने के चांसेस भी कम हो जाते हैं। और इसी वजह से आपकी नसों में ब्लॉकेज होने का खतरा कम हो जाता है। या अगर किसी पर ब्लॉकेज है, किसी पर इन्फ्लेमेशन है, या किसी पर एलडीएल आपकी नसों में चिपका हुआ है, तो गार्लिक उसको साफ करने की ताकत भी रखता है।
पाचन प्रक्रिया में उपयोगी है यह कश्मीरी गार्लिक
दूसरा फायदा जो आपको गार्लिक को इस्तेमाल करने से मिलता है, वह है आपके डाइजेशन के लिए।
- गार्लिक आपके लिवर के लिए भी बहुत ही बढ़िया चीज होती है, खास तौर से ऐसे लोग जिनके लिवर में सूजन आ गई है या फैटी लिवर हो गया है।
- आमतौर पर ज्यादा अल्कोहल लेने से, ज्यादा चिकना खाने से, या फिर बहुत ज्यादा तला हुआ, जंक फूड खाने से, ज्यादा कोल्ड ड्रिंक्स पीने से आपके लिवर के अंदर खराबी आ जाती है। लिवर के अंदर सूजन आ जाती है, या वहां पर फैट जमा हो जाता है।
- शुरुआत में हमें लगता है कि यह हल्की-फुल्की सूजन है, लेकिन अगर धीरे-धीरे यह सूजन हमारे लिवर में बढ़ती चली जाए, यही फैट बढ़ता चला जाए, तो उससे क्या होता है?
- हमारे लिवर की जो हेल्दी सेल्स होती हैं, वो डेड होने लगती हैं और वहां पर एक कर टिशू बन जाता है, जिसको हम लोग बोलते हैं सर्कोसिस। और यह ऐसी कंडीशन है जो कि इरिवर्सिबल होती है।
- अगर आप गार्लिक खाना शुरू कर देते हैं, रेगुलरली अपनी डाइट में, तो आपके लिवर के अंदर जो फैट का डिपोजिशन है, वो नहीं हो पाता है और आपका लिवर अच्छे तरीके से काम कर पाता है।
- इसके अलावा, गार्लिक का इस्तेमाल करने से आपके अंदर गैस और एसिडिटी या फिर पेट फूलने की शिकायत भी कम होती है।
- गार्लिक खाने से आपकी आंतों के अंदर जो गुड बैक्टीरिया होते हैं, वो भी बढ़ते हैं और इसी वजह से आपकी इम्यूनिटी भी इससे बढ़ती है।
इम्युनिटी बढ़ाती है यह छोटी कली
- यानी नेक्स्ट जो इसमें बेनिफिट आपको मिल रहा है, वह है आपकी इम्यूनिटी को बढ़ाने के लिए। गार्लिक हमारी बॉडी के अंदर एंटी माइक्रोबियल इफेक्ट रखता है। यानी जो बुरे वायरस, बैक्टीरिया और फंगस होते हैं, उनको तो मारता है, लेकिन जो अच्छे हमारे बेनिफिशियल बैक्टीरिया होते हैं, हमारी बॉडी में, उनकी ग्रोथ को प्रमोट करता है। और इसी वजह से हमारी इम्यूनिटी स्ट्रांग बनती है।
कश्मीरी गार्लिक और यौन समस्या
कश्मीरी गार्लिक इरेक्टाइल डिस्फंक्शन के लिए भी बहुत ज्यादा फायदेमंद होता है। इरेक्टाइल डिस्फंक्शन एक ऐसी यौन समस्या है मेल्स के अंदर, जहां पर उनके खास अंग के अंदर हार्डनेस नहीं आ पाती है। हार्डनेस नहीं आने का जो सबसे बड़ा कारण होता है, वह होता है इंप्रोपर ब्लड सप्लाई। यानी कि स्टिमुलेशन के समय अगर वहां पर प्रॉपर ब्लड सप्लाई नहीं हो रही है, तो हार्डनेस नहीं आएगी। अब यह सप्लाई प्रॉपर क्यों नहीं होती है? इसका सबसे बड़ा कारण होता है नसों के अंदर इन्फ्लेमेशन हो जाना। जब नसों में इन्फ्लेमेशन होता है, तो वहां पर प्रॉपर ब्लड सप्लाई नहीं पहुंच पाती है। और इस वजह से हार्डनेस नहीं आ पाती है। तो गार्लिक जो है, इसकी इन्फ्लेमेशन कम करने की ताकत रखता है, जिससे प्रॉपर ब्लड सप्लाई पहुंच पाती है और इसी वजह से इरेक्टाइल डिस्फंक्शन को भी ठीक किया जा सकता है।
एंटी ऑक्सीडेंट्स का काम करता है कश्मीरी गार्लिक
- इसी के साथ-साथ कश्मीरी गार्लिक का इस्तेमाल बहुत ही फायदेमंद होता है, एंटी-ऑक्सीडेंट के तौर पर भी। एंटी-ऑक्सीडेंट से आपकी बॉडी के अंदर जो फ्री रेडिकल्स होते हैं, उनका असर कम हो जाता है। यानी ये आपके एंटी-एजिंग प्रॉब्लम्स को कम करने के साथ-साथ कैंसर जैसी खतरनाक बीमारियों से भी बचाता है।
- कश्मीरी गार्लिक एंटी-ऑक्सीडेंट्स से भरपूर होता है। इसमें सल्फर का बहुत ज्यादा अमाउंट होता है और इसकी वजह से यह एंटी-ऑक्सीडेंट्स से भरपूर होता है। और इसी वजह से इसका जो सबसे बड़ा बेनिफिट आपको मिलता है, वह है आपकी एंटी-एजिंग प्रॉब्लम्स को कम करने के लिए।
अगर आप इसको अपनी डाइट में रेगुलरली शामिल करेंगे तो यह आपके लिए बहुत फायदेमंद साबित हो सकता है। आपको इसमें क्या करना है, आपको 1-2 गार्लिक क्लव्स को लेकर, पहले आप उसे छीलें और फिर उसको अच्छे से काट लें। फिर उसके बाद, 1 कप गर्म पानी में डालकर, 5-10 मिनट के लिए डूबोकर रखें और फिर उसके बाद इसको पियें। आप चाहे तो इसके पाउडर भी बना सकते हैं और इसको किसी भी चीज में मिला कर खा सकते हैं। या फिर यह भी हो सकता है कि आप इसे कच्चा भी खा सकते हैं।
कश्मीरी गार्लिक, जिसे पहाड़ी लहसुन भी कहा जाता है, आपके स्वास्थ्य के लिए अत्यंत फायदेमंद हो सकता है। इसका छोटा आकार और शक्तिशाली गुण इसे नॉर्मल गार्लिक से बहुत बेहतर बनाते हैं। कश्मीरी गार्लिक का नियमित सेवन आपके दिल की सेहत, डाइजेशन, इम्यूनिटी, और यौन स्वास्थ्य को सुधारने में मदद कर सकता है। इसके एंटी-ऑक्सीडेंट और एंटी-इन्फ्लेमेटरी गुण आपके शरीर को बीमारियों से बचाने और आपकी उम्र को बढ़ाने में सहायक होते हैं।
इसका सेवन करने का सही तरीका अपनाकर आप इसके स्वास्थ्य लाभ का पूरा फायदा उठा सकते हैं। चाहे आप इसे कच्चा खाएं, पाउडर के रूप में इस्तेमाल करें या गर्म पानी में भिगोकर पियें, कश्मीरी गार्लिक आपके स्वास्थ्य को एक नई दिशा दे सकता है।