चाय के बारे में बहुत सारी इलॉजिकल बातें सुनने को मिलती हैं। बहुत सारे वीडियोस भी मैंने देखे हैं, चाहे YouTube पर, बड़े-बड़े लोग यह बोलते हैं कि चाय जो है, वह Indians के लिए बनी ही नहीं थी। क्योंकि वहां पर मौसम ठंडा होता है, तो इसलिए वहां पर अंग्रेज पीते थे। क्योंकि अंग्रेजों के यहां का मौसम ठंडा होता है, तो अपने आप को गर्म रखने के लिए लोग चाय पीते थे। इंडिया में, क्योंकि मौसम गर्म है, तो हम लोगों को इसे नहीं पीना चाहिए, यह हमारे लिए नुकसानदायक हो सकती है।
कोई भी चीज अगर आप एक्सेस इस्तेमाल करना शुरू कर देते हैं, चाहे वह कितनी भी अच्छी हो, वह आपको नुकसान जरूर देगी। इसी तरह से चाय भी होती है। अगर आप ज्यादा पिएंगे, तो चाहे मौसम ठंडा हो या गर्म हो, आपको इसके नुकसान देखने को जरूर मिलेंगे।
Table of Contents
सिर्फ यह तर्क है कि किसी चीज को खाना बंद कर देना या पीना बंद कर देना कि वह गर्म होती है, गलत बात है। अगर आप किसी भी चीज को मोडरेशन में इस्तेमाल करते हैं और वह आपके लिए फायदेमंद है, तो वह आपको फायदा ही देगी। लेकिन अगर कोई चीज आपके लिए कितनी भी फायदेमंद है, अगर आप उसे ज्यादा इस्तेमाल करना शुरू कर देंगे, तो आपको नुकसान भी हो सकता है।
तो सबसे पहले बात करते हैं चाय से मिलने वाले फायदों के बारे में।
चाय के अंदर एक एंटी-ऑक्सीडेंट पाया जाता है, जिसे पॉलीफेनोल कहते हैं। यह पॉलीफेनोल ग्रुप का एंटी-ऑक्सीडेंट होता है। यह हमारी सेहत के लिए बहुत ही बढ़िया होता है और बहुत सारी अलग तरह की बीमारियों से हमें सुरक्षित रखता है।
पॉलीफेनोल्स अगर आपकी बॉडी के अंदर होते हैं, तो आपके अंदर इंफ्लेमेशन कम हो जाता है, आपके अंदर डायबिटीज होने का खतरा कम हो जाता है, और आपका मोटापा भी इसकी वजह से कम होता है।
पॉलीफेनोल्स के अलावा, एक और एंटी-ऑक्सीडेंट ग्रुप होता है, जिसे फ्लैवोनॉयड कहते हैं। फ्लैवोनॉयड स्पेसिफिकली हार्ट हेल्थ को इंप्रूव करने का काम करते हैं। ब्लैक टी के अलावा फ्लैवोनॉयड्स वेजिटेबल्स, फ्रूट्स, रेड वाइन, और डार्क चॉकलेट में पाए जाते हैं। और ये सभी चीजें आपकी हार्ट हेल्थ को बढ़िया बनाती हैं।
अगर आप रेगुलर चाय का इस्तेमाल करते हैं, तो इसकी वजह से आपके अंदर हार्ट अटैक, स्ट्रोक, और डायबिटीज का खतरा कम होता है। इसके साथ-साथ ब्लैक टी का इस्तेमाल करने से आपका कोलेस्ट्रॉल भी कम होता है और आपका ट्राइग्लिसराइड लेवल भी कम होता है।
अक्सर यह माना जाता है कि जो लोग ब्लैक टी का इस्तेमाल करते हैं, उनका ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है, तो हाई बीपी वालों को इसे इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। जबकि रिसर्च कुछ और ही बताती है। रिसर्च बताती है कि जो लोग रेगुलरली ब्लैक टी का इस्तेमाल करते हैं, उनका ब्लड प्रेशर कम होता है। हां, कुछ समय के लिए आपका ब्लड प्रेशर थोड़ा बहुत बढ़ सकता है, लेकिन रेगुलर इस्तेमाल करने से ब्लैक टी आपका सिस्टोलिक ब्लड प्रेशर और डायस्टोलिक ब्लड प्रेशर दोनों ही कम कर देती है।
इसलिए यह अवधारणा गलत है कि ब्लैक टी पीने से आपका ओवरऑल हार्ट हेल्थ इंप्रूव होती है। आपका ट्राइग्लिसराइड भी कम होता है, कोलेस्ट्रॉल भी कम होता है, और आपका बीपी भी कम होता है।
चाय और इम्यूनिटी ( Tea and immunity)
चाय हमारी इम्यूनिटी को भी इंहांस करती है। हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता यानी बिमारियों से लड़ने की ताकत को भी स्ट्रांग बनाती है। हमारा इम्यून सिस्टम का एक बहुत ही इंपोर्टेंट पार्ट होता है, हमारा गट फ्लोरा। गट फ्लोरा का मतलब है कि हमारे पेट के अंदर जो गुड बैक्टीरिया होते हैं, यह हमारे इम्यून सिस्टम के लिए बहुत ही जरूरी होते हैं। अगर इनकी कमी हमारी बॉडी के अंदर हो जाती है, तो हमारा इम्यून सिस्टम भी कमजोर होने लगता है। जब आप चाय पीते हैं, तो इसकी वजह से आपका गट फ्लोरा बेहतर बनता है, गुड बैक्टीरिया बढ़ते हैं, और नुकसानदायक बैक्टीरिया कम होते हैं। इससे आपका इम्यून सिस्टम मजबूत होता है और रोग से लड़ने की ताकत भी बढ़ जाती है।
चाय और ब्लड शुगर (Tea and Blood sugar)
चाय हाई ब्लड शुगर को कम करने में भी मददगार होती है। क्योंकि जब आप चाय पीते हैं, तो इसकी वजह से आपके खाने के अंदर मौजूद शुगर्स का एब्जॉर्प्शन कम हो जाता है और चाय हमारे पैंक्रियास को स्टिमुलेट करके इंसुलिन के प्रोडक्शन को भी बढ़ा देती है। इसके साथ-साथ, चाय के अंदर कुछ ऐसे एंटीऑक्सीडेंट होते हैं, जो बॉडी के अंदर इंसुलिन रेजिस्टेंस को कम कर देते हैं, इंसुलिन की सेंसिटिविटी को बढ़ा देते हैं, और इस वजह से आपके ब्लड के अंदर जो एक्सेस शुगर होती है, वह कम हो जाती है।
चाय और थकान (Tea and tiredness)
थकान के कारण बहुत से लोग सिर दर्द भी महसूस करते हैं। चाय पीते ही उनको रिलैक्स मेहसूस होता है। लेकिन इसके पीछे की मुख्य वजह यह है चाय के अंदर कैफीन काफी ज्यादा मात्रा में मौजूद होता है। जिसकी वजह से यह हमारे दिमाग और शरीर में थकावट को हटा देती है और एक बार फिर से हमें तरोताजा महसूस करवाने का काम करती है।
चाय और नजला जुखाम(Tea in problem of cold cough)
जब बच्चों को नजला-जुकाम हो जाता है, तो अक्सर बड़े-बुज़ुर्ग उन्हें चाय पीने की सलाह देते हैं क्योंकि चाय में कुछ ऐसे तत्व होते हैं जो शरीर को गर्मी प्रदान करते हैं। साथ ही, यदि चाय में अदरक, मुलेठी, और सौंफ जैसी चीज़ें डाली जाएं, तो उसका प्रभाव और भी अधिक बढ़ जाता है। ऐसी चाय कई प्रकार के लाभ पहुंचाने लगती है।
चाय और आंखों की सूजन (Tea in eye swelling)
अगर आपकी आंखें हल्की सूजी हुई हैं, तो घबराने की जरूरत नहीं है। इस समस्या का एक आसान और घरेलू उपाय है – इस्तेमाल किए गए दो टी बैग्स। तनाव, एलर्जी, नींद की कमी या लंबे समय तक स्क्रीन देखने से आंखों की सूजन हो सकती है, और टी बैग्स इसे कम करने में मदद कर सकते हैं। ठंडे टी बैग्स को कुछ मिनट के लिए आंखों पर रखें, इससे न केवल सूजन घटेगी बल्कि आंखों को आराम भी मिलेगा।
चाय के साइड इफेक्ट्स ( Side effects of Tea)
जैसा कि हमने आपको शुरू में ही बताया था कि हर चीज के दो पहलू होते हैं। एक अच्छा पहलू होता है और एक बुरा पहलू होता है। यही बात चाय पर भी लागू होती है। चाय को अगर आप ज्यादा इस्तेमाल करना शुरू कर देते हैं, तो इसके फायदों के बजाय आपको कुछ नुकसान भी मिलने शुरू हो जाते हैं। तो चलिए अब बात करते हैं चाय के ओवर कंसम्प्शन से मिलने वाले कुछ साइड इफेक्ट्स के बारे में।
- चाय हमारे खाने के अंदर मौजूद आयरन के एब्जॉर्प्शन को कम कर देती है। अगर आप खाना खाने के फौरन बाद चाय पीने के आदी हैं, तो आपको यह आदत फौरन छोड़ देनी चाहिए। क्योंकि खाना खाने के फौरन बाद चाय पीने की वजह से आपके खाने में मौजूद आयरन का एब्जॉर्प्शन नहीं हो पाता है और यह आयरन की कमी के कारण खून की कमी की वजह से हो सकता है।
- चाय के अंदर कैफीन भी होता है, जिसे अगर आप ज्यादा इस्तेमाल करना शुरू कर देते हैं, तो इसके साइड इफेक्ट भी देखने को मिल सकते हैं।
- जो लोग ज्यादा चाय का इस्तेमाल करते हैं, उनके अंदर अक्सर रेस्टलेसनेस, बेचैनी और एंग्जाइटी की शिकायत होती है। इसके साथ-साथ आपकी नींद भी कम हो सकती है। क्योंकि कैफीन आपके माइंड को अलर्ट करता है और नींद को कम करने का काम करता है। तो अगर इस तरह की समस्याएं आपके अंदर पाई जाती हैं, तो आपको जरूर अपनी चाय की मात्रा कम कर देनी चाहिए। इससे आपको धीरे-धीरे इन समस्याओं में आराम मिलेगा।
- इसके अलावा, चाय का ज्यादा इस्तेमाल करने से आपके अंदर इंसोम्निया यानी नींद की कमी भी हो सकती है।
- आपके अंदर एसिडिटी भी बढ़ सकती है, पेट के अंदर एसिड बढ़ सकता है, और आपका डाइजेस्टिव सिस्टम भी बुरा हो सकता है। चाय में कैफीन होने की वजह से अक्सर ह्रदय की धड़कन बढ़ जाती है, दिल की धड़कन बढ़ जाती है, और आपकी ब्लड प्रेशर भी बढ़ जाता है। ह्रदय की धड़कन बढ़ने की वजह से कई बार लोग बेचैन हो जाते हैं और दिल की बीमारियों की शिकायत भी हो सकती है।
चाय का सही सेवन: दूध या बिना दूध? Correct consumption of Tea : with milk or without milk?
ये सब बातें आपको समझ में आ गई होंगी कि चाय से फायदे क्या होते हैं और चाय के अधिक इस्तेमाल से नुकसान क्या होते हैं। अब बात करते हैं कि हमें चाय किस प्रकार से पीनी चाहिए, क्या हमें ब्लैक टी पियें, या फिर हमें दूध वाली चाय पीनी चाहिए।
अगर आप चाय को बिना दूध और बिना चीनी के पीते हैं, तो इससे आपको चाय के बहुत सारे फायदे मिलते हैं। चाय की बहुत सारी टेंप्लेट्स होती हैं, जैसे ग्रीन टी, ब्लैक टी, और हर्बल टी। चाय को बिना दूध और बिना चीनी के पीने पर आपको कई फायदे मिलते हैं। आपको चाय का पूरा फायदा मिलता है और साइड इफेक्ट्स भी कम होते हैं। ग्रीन टी और ब्लैक टी बहुत ही अच्छे एंटी-ऑक्सीडेंट्स होते हैं। इनमें कैफीन भी होता है, लेकिन ये नॉर्मल चाय से कम होता है।
हर्बल टी से आपको हाई ब्लड प्रेशर, ह्रदय की बीमारियों और इन्फ्लामेशन से राहत मिलती है। और अगर आप इसे बिना दूध के पीते हैं, तो आपको चाय के फायदे भी मिलते हैं और नुकसान भी कम होते हैं।
लेकिन अगर आप चाय को दूध के साथ पीते हैं, तो यह आपकी चाय के फायदे को कम कर देती है। दूध का ज्यादा इस्तेमाल करने की वजह से चाय में कैफीन की मात्रा कम हो जाती है, क्योंकि कैफीन का असर दूध के साथ कम हो जाता है। दूध की वजह से चाय की एंटी-ऑक्सीडेंट्स की मात्रा भी कम हो जाती है, और इसलिए चाय के फायदे भी कम हो जाते हैं। लेकिन चाय को दूध के साथ पीने से आपके शरीर को एनर्जी भी मिलती है, और आप ज्यादा एनर्जी महसूस करते हैं।