क्या आप भी गर्मी की बढ़ती तपिश से परेशान हैं? पसीने के छोटे-छोटे दाने, जो आपकी त्वचा को लाल और खुजलीदार बना देते हैं, क्या आपको भी घमौरियों का सामना करना पड़ रहा है? अगर हाँ, तो आप अकेले नहीं हैं। गर्मी में घमौरियां आम होती हैं, लेकिन इनसे राहत पाने के लिए सही जानकारी होना जरूरी है। आइए जानें उन मजेदार तथ्यों और मिथकों के बारे में, जो आपके इस गर्मी के मौसम को आसान बना सकते हैं!
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क्या हैं घमौरियां?
गर्मियों की धूप में जब पसीना आपकी त्वचा पर बहने लगता है, तो कभी-कभी पसीने की ग्रंथियां ब्लॉक हो जाती हैं। इसका नतीजा होता है घमौरियां! ये छोटे-छोटे लाल दाने आपकी त्वचा को असहज बना सकते हैं और साथ ही जलन और खुजली का कारण भी बन सकते हैं। क्या आप जानना चाहते हैं कि इनसे बचने और राहत पाने के लिए क्या करें? तो पढ़िए आगे!
जैसे-जैसे गर्मी बढ़ती है, त्वचा में से निकलने वाले पसीने और तेल की मात्रा बहुत बढ़ जाती है। इसके साथ ही गर्मी में होने वाली समस्याएं त्वचा पर दिखाई देने लगती हैं। जब इन बंद ग्रंथियों में इंफ्लेमेशन हो जाता है यानी उनमें सूजन आ जाती है और जलन होने लगती है, तब हम उन्हें घमौरियां कहते हैं। कभी-कभी इन घमौरियों को खुजाने के कारण इनमें घाव भी हो जाते हैं। जब यह संक्रमण थोड़ा सा होता है, तो यह अपने आप ठीक हो जाता है। ठंडे पानी से रोज नहाने से भी यह ठीक हो सकता है, लेकिन कई बार सूजन और खुजली और जलन काफी बढ़ जाती है और इसका इलाज करना जरूरी हो जाता है। सबसे ज्यादा घमौरियां नवजात शिशुओं को और स्कूल जाने वाले बच्चों को होती हैं।
घमौरियां क्यों होती है?
सबसे पहले तो गर्मी का मौसम। घमौरियां गर्मी के दिनों में होती हैं, जब वायुमंडल में तापमान बढ़ जाता है और हमारे शरीर में बहुत पसीना आने लगता है, जिसके कारण पसीने की ग्रंथियां ब्लॉक हो जाती हैं। हम बहुत ज़्यादा शारीरिक परिश्रम करते हैं, जिससे हमें पसीना आता है और उसके कारण फिर से घमौरियां हो जाती हैं।
घमौरियों से कैसे बचे?
अगर हम तंग कपड़े पहनते हैं, जो पसीना सूखने नहीं देते और शरीर को ठंडा नहीं होने देते, तो इस तरह पसीना हमारे शरीर पर जम जाता है और पसीने की ग्रंथियों को बंद कर देता है। गर्मी के दिनों में हमेशा ढीले, हल्के, सूती कपड़े पहनना चाहिए। ठंडे और हवादार कमरों में रहना चाहिए। सिर्फ ठंडे पानी से नहाना चाहिए, जरूरत पड़े तो दिन में दो बार भी नहाना चाहिए। नहाने के लिए हमेशा नीम के साबुन का उपयोग अच्छा रहता है। नीम एक प्राकृतिक एंटीसेप्टिक है और इससे घमौरियां कम होती हैं। जब घमौरियां हों तो उन पर कैलामिन लोशन दिन में दो या तीन बार लगाना चाहिए। अगर खुजली ज्यादा है तो दिन में एक लीवो सिट्रिज़िन की गोली तीन या चार दिन तक ले सकते हैं। नहाने के बाद प्रिक्ली हीट पाउडर लगाने से भी घमौरियों में आराम मिलता है।
लेकिन कई लोग गर्मी के दिनों में साधारण खुशबू वाला पाउडर अपने शरीर पर छिड़कते हैं। यह ठीक नहीं है। साधारण पाउडर पसीने के साथ मिलकर त्वचा पर जम जाता है और पसीने की ग्रंथियों को बंद कर देता है, जिससे घमौरियों की समस्या ठीक होने की बजाय और बढ़ जाती है। गर्मी के दिनों में हमेशा अपने शरीर पर वाटर-बेस्ड मॉइस्चराइजर ही लगाएं। ऑयल-बेस्ड क्रीम और मॉइस्चराइजर भी पसीने की ग्रंथियों को बंद कर देते हैं और इससे घमौरियों की समस्या ठीक होने की बजाय और बढ़ जाती है।
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— SevenHills Hospital (@7HillsHospital) April 1, 2015
घमौरियों के लक्षण
- त्वचा पर छोटे-छोटे लाल दाने।
- खुजली और जलन महसूस होना।
- दानों के स्थान पर हल्का दर्द या चुभन।
- दाने आमतौर पर गर्दन, पीठ, छाती, जांघों और अंडरआर्म्स में होते हैं।
- अगर संक्रमण हो जाए तो फुंसियों या घाव का बनना।
घमौरियों का घरेलू इलाज
बर्फ से राहत
बहुत ज्यादा गर्मी के कारण पसीने से त्वचा पर लाल रंग के छोटे-छोटे दाने निकल आते हैं, जिन्हें घमौरियां कहते हैं। अगर आपको भी यह समस्या है, तो बर्फ का टुकड़ा कपड़े में रखें और इसे 5 से 10 मिनट तक घमौरियों पर लगाएं। ध्यान रखें कि बर्फ सीधे त्वचा पर न लगे क्योंकि यह आपकी त्वचा को नुकसान पहुंचा सकता है।
मुल्तानी मिट्टी
मुल्तानी मिट्टी को गुलाब जल में मिलाकर प्रभावित जगह पर लगाएं और 20 मिनट तक छोड़ें। यह त्वचा के पोर को खोलता है और ताजगी लाता है।
एलोवेरा
एलोवेरा का पल्प या जेल त्वचा पर लगाकर छोड़ें, यह ठंडक पहुंचाने और घमौरियों को ठीक करने में मदद करता है। एलोवेरा त्वचा की मरम्मत भी करता है।
हल्दी और नीम
हल्दी और नीम का पेस्ट बनाकर नहाने से पहले लगाएं। ये प्राकृतिक एंटीसेप्टिक गुणों से भरपूर हैं और त्वचा की समस्याओं को दूर करने में सहायक हैं।
पपीता: पपीते को प्रभावित जगह पर 15 मिनट तक लगाकर ठंडे पानी से धो लें। यह घमौरियों से जलन को कम करता है और त्वचा को आराम प्रदान करता है।
अगर घमौरियों को खुजाने से उसमें फुंसियां हो गई हैं, तो उस पर एंटीबायोटिक क्रीम जैसे सोफ्रामाइसिन क्रीम लगा सकते हैं। अगर फोड़े फुंसियां ज्यादा हो जाएं, तो एंटीबायोटिक की गोली भी खाने की जरूरत पड़ सकती है, लेकिन एंटीबायोटिक की गोलियां बिना डॉक्टर की सलाह के ना खाएं।
गंभीर घमौरियों के लिए डॉक्टर से कब मिलें?
हालांकि घमौरियां आमतौर पर खुद-ब-खुद ठीक हो जाती हैं, लेकिन कुछ मामलों में डॉक्टर से सलाह लेना जरूरी हो सकता है। अगर घमौरियां खुजलाने की वजह से संक्रमित हो जाएं और उनमें पस बनने लगे, या अगर दर्द, सूजन और जलन बहुत अधिक हो, तो तुरंत चिकित्सक से परामर्श करना चाहिए। इसके अलावा, अगर घमौरियां 7-10 दिनों में ठीक नहीं होती हैं या बार-बार हो रही हैं, तो डॉक्टर से मिलना आवश्यक हो सकता है। डॉक्टर आपको एंटीबायोटिक क्रीम या अन्य उपचार बता सकते हैं, जो संक्रमण को फैलने से रोकने में मदद करेंगे।
क्या घमौरियां केवल गर्मियों में ही होती हैं?
जबकि घमौरियां गर्मियों में अधिक सामान्य होती हैं, वे सर्दियों में भी हो सकती हैं। यह तब हो सकता है जब त्वचा बहुत अधिक पसीने और तेल से ढक जाती है, या अगर व्यक्ति अत्यधिक गर्म और नम वातावरण में रहता है।
क्या घमौरियां केवल बच्चों और शिशुओं को ही होती हैं?
हालांकि बच्चों और शिशुओं में घमौरियां अधिक सामान्य होती हैं, वयस्क भी इस समस्या का सामना कर सकते हैं। गर्मी, अत्यधिक पसीना और तंग कपड़े घमौरियों का कारण बन सकते हैं, चाहे उम्र कोई भी हो।
क्या घमौरियों को खरोंचने से समस्या बढ़ जाती है?
घमौरियों को खरोंचने से त्वचा में संक्रमण फैल सकता है और स्थिति गंभीर हो सकती है, लेकिन घमौरियों का इलाज करने से ही समस्या का समाधान होगा। खरोंचने से घमौरियों का इलाज नहीं होता और इससे त्वचा पर घाव बन सकते हैं।
क्या साधारण पाउडर से घमौरियों का इलाज हो सकता है?
साधारण पाउडर पसीने के साथ मिलकर त्वचा पर जमा हो जाता है और पसीने की ग्रंथियों को और भी ब्लॉक कर देता है। इससे घमौरियों की समस्या और बढ़ सकती है। इसके बजाय, वाटर-बेस्ड मॉइस्चराइज़र और प्रिक्ली हीट पाउडर का उपयोग करना बेहतर होता है।
क्या घमौरियों का इलाज केवल दवाओं से ही संभव है?
घमौरियों का इलाज घरेलू उपायों से भी किया जा सकता है। बर्फ, मुल्तानी मिट्टी, एलोवेरा, हल्दी और नीम जैसे प्राकृतिक उपचार घमौरियों को राहत देने में सहायक हो सकते हैं। ये उपचार त्वचा को ठंडक पहुंचाते हैं और सूजन को कम करते हैं।