भोलेनाथ के प्रिय फल, बेल खाने के फ़ायदे कर सकते हैं आपको हैरान 

अगर आप भी विश्व के सबसे बड़ी संस्कृति सनातन संस्कृति को मानते हैं तो, आप इस बात से बिल्कुल भी इनकार नहीं कर सकते कि सनातन संस्कृति में आयुर्वेद सबसे जरूरी हिस्सा है। जिसे चाह कर भी ना अंदाज नहीं किया जा सकता है। आयुर्वेद ने न जाने कितने ही रोगियों और बीमारियों को ठीक किया है। आयुर्वेद में बताए गए फल, फूल, सब्जियां आदि अपने आप में बेहतरीन होते हैं। इनमें से एक फल है बेल का फल, जो कि अपने आप में गुणों की खान है। सबसे पहले आपको यह बता दें कि, यह है बेल वही बेल पत्र पेड़ का फल है, जिसे भगवान शिव की पूजा में इस्तेमाल किया जाता है।

यह फल ऐसा फल है जिसके पत्तों के बारे में तो ज्यादातर लोग जानते हैं कि वह पूजा के इस्तेमाल में आता है। लेकिन इसके फल के बारे में बहुत ज्यादा लोग नहीं जानते। इसका फल इतना बेहतरीन है कि यह बहुत ही बेहिसाब औषधीय फायदाओं से भरपूर है। जबकि आयुर्वेद में बेल के पौधे पर लगने वाले फल को बहुत ही महत्वपूर्ण औषधि बताया है। यह फल पाचन संबंधित बहुत सी बीमारियों को ठीक करने में कारगर साबित हुआ है।

पेट की समस्याओं से छुटकारा है बेल का फायदा 

सदियों से हो रहे इसके इस्तेमाल से एक बात तो साबित होती है इस फल का हर एक हिस्सा अपने अपने बेशुमार गुण भरे बैठा है।

ज्यादातर देखा गया है कि गर्मियों के मौसम में बेल ज्यादा मात्रा में देखने को मिलता है और लोग इसके जूस या शेक को पीते हैं। क्योंकि इसका स्वाद बहुत ही बेहतरीन होता  है। 

अगर बात की जाए इसकी बनावट की तो बाहर से दिखने में यह फल हरे रंग का और काफी कठोर होता है। कुछ कुछ स्थितियों में इसके फल में पीलापन भी दिखाई देने लगता है। लेकिन अंदर से यह फल बहुत ही मुलायम और गुद्दे से भरा हुआ होता है।  साथ ही इसके गुद्दे में कुछ बीज भी मौजूद होते हैं, गुद्दे और बीजों के अंदर गोंद भी होती है। यह बीज भी बहुत सी बीमारियों का इलाज करने में फायदा देते हैं जब गर्मियों का मौसम आता है तब बहुत सी बीमारियां जैसे कि दस्त उल्टी होना लू लगना आदि बहुत ज्यादा हो जाती है और आम लोग इससे काफी परेशान भी होते हैं लेकिन ऐसे मौसम में बेल का सेवन करना इन सभी बीमारियों से छुटकारा पाने में मददगार हो सकता है |  बेल का शरबत शरीर को ठंडक पहुंचना है।  जिसके करण शरीर को लू से बचाने में मदद मिलती है।  एक शोध में यह भी पाया गया है की बेल के शरबत के सेवन से शरीर की रोग प्रतिरोध क्षमता भी बढ़नी है इसलिए गर्मियों में घर से बाहर धूप में निकालने से पहले एक गिलास बेल का शरबत पीकर निकालने की सलाह दी जाती है। तो। अगली बार अगर आपको या आपके रिश्तेदार को लू लगे त बेल का यह फ़ायदा बिल्कुल भी भूलिएगा मत।

किडनी का ऑक्सीजन पंप बनता है बेल 

आपको जानकार हैरानी हो सकती है कि बेल का सेवन किडनी के लिए भी फायदेमंद माना गया है। आयुर्वेदिक चिकित्सकों का कहना है की बेल का फल किडनी की ब्लड साफ़ करने की ताक़त को बढ़ाता है। एक शोध के

अनुसार बेल की जादौन और पत्तियां में डाई यूरेटिक होते हैं जो मूत्र का

उत्पादन बढ़ते हैं। यह खासतौर पर वाटर रिटेंशन की समस्या से आराम दिलाने में बहुत कारगर साबित हो सकते हैं।

बच्चों में डायरिया की समस्या को ठीक करता है बेल 

इस फल का सेवन करने से डायरिया में जल्दी आराम मिल सकता है और साथ ही डायरिया अगले दो-तीन दोनों में ठीक भी हो सकता है।

अगर आप गंभीर रूप से डायरियां से पीड़ित हैं तो बेल के सेवन के साथ साथ डॉक्टर की सलाह भी अवश्य लें।  आज के समय में कई लोग बार-बार वाशरूम जानें की समस्या जिनको होती है। उन्हें हमेशा ऐसा महसूस होता है जैसे उनका पेट ठीक से साफ नहीं होता है आयुर्वेद रोग को अजीब नाम दिया गया है। आयुर्वेदिक वैज्ञानिकों का कहना है की ऐसे लोगों के लिए बेल का सेवन बहुत फायदेमंद साबित हो सकता है। बेल के सेवन से पेट ठीक से साफ होता है और बार-बार वाशरूम जानें की समस्या में भी आराम मिल सकता है। दरअसल बेल में लैक्सेटिव क्षमताएं होती हैं। जो आंतो को भी ठीक तरह से साफ रख उन्हें स्वस्थ रखना में मदद कर सकते हैं। बेल का फल खाने से या उसका शरबत नियमित रूप से पीने से पेट का स्वास्थ्य ठीक रहने में मदद मिल शक्ति है।

बेल के फल को कैसे खाएं: विभिन्न तरीके और उनके फायदे

बेल का फल (Wood Apple) एक प्राचीन और औषधीय गुणों से भरपूर फल है, जिसे भारतीय परंपराओं में खास महत्व दिया जाता है। यह स्वाद में मीठा और स्वास्थ्य के लिए अत्यधिक फायदेमंद होता है। आइए जानते हैं कि हम बेल के फल को कैसे और किन-किन तरीकों से खा सकते हैं।

बेल का जूस

बेल का सबसे लोकप्रिय तरीका इसे जूस के रूप में पीना है। बेल के फल को तोड़कर इसका गूदा निकालें और इसे पानी में मसलकर छान लें। इसमें स्वादानुसार चीनी, काला नमक या भुना जीरा पाउडर मिलाकर पी सकते हैं। बेल का जूस गर्मियों में शरीर को ठंडक प्रदान करता है और पेट की समस्याओं जैसे एसिडिटी और कब्ज से राहत देता है।

बेल का शरबत

बेल का शरबत भी गर्मियों में ताजगी देने वाला पेय है। इसके लिए बेल के फल का गूदा निकालकर उसे पानी में घोल लें। इसमें मिश्री या गुड़ मिलाकर पिएं। बेल का शरबत पेट के लिए बहुत फायदेमंद होता है और यह शरीर को हाइड्रेटेड रखता है।

बेल की चटनी

बेल की चटनी भी एक रोचक विकल्प है। इसे बनाने के लिए बेल के गूदे में पुदीना, धनिया, हरी मिर्च, नींबू और थोड़ा सा गुड़ मिलाकर पीस लें। यह चटनी खाने के साथ परोसी जा सकती है और पाचन में सुधार करती है।

बेल का मुरब्बा

बेल के फल का मुरब्बा भी बनाया जा सकता है। इसके लिए बेल के फलों को अच्छी तरह पकाकर, उसमें शक्कर और इलायची मिलाकर धीमी आंच पर पकाया जाता है। यह मुरब्बा सेहत के लिए बेहद फायदेमंद होता है, खासकर उन लोगों के लिए जो पेट की समस्याओं से परेशान रहते हैं।

कच्चा बेल खाना

अगर आप बेल के फल का अधिकतम लाभ प्राप्त करना चाहते हैं, तो आप इसे कच्चे रूप में भी खा सकते हैं। इसके लिए बेल के फल को तोड़ें और इसका गूदा निकालकर सीधे खाएं। यह पेट के लिए बहुत फायदेमंद होता है और शरीर को ठंडक पहुंचाता है।

6. बेल का पना

गर्मियों में बेल का पना बनाकर पीना एक और बेहतरीन विकल्प है। इसे बनाने के लिए बेल के गूदे को पानी में मसलकर उसमें भुना जीरा, काला नमक, और थोड़ा सा गुड़ मिलाएं। यह शरीर की गर्मी को शांत करता है और पाचन को बेहतर बनाता है।

बेल के फ़ायदे के साथ ज़रूरी है समझना नुकसान भी

आयुर्वेद में बेल फल के फायदे बहुत ज्यादा बताए गए  है, लेकिन सीधे तोर पर इससे होने वाले नुकसान नहीं देखें गए हैं। लेकिन अगर आप जरूरत से ज्यादा मात्रा में इसका सेवन कर रहे हैं तो आपको बेल के नुकसान झेलना पड़ सकता हैं। आई जानते हैं बेल के सेवन से क्या नुकसान हो सकते हैं और किन परिस्थितियों में इसका सेवन नहीं करना चाहिए।

  • अगर माल के कठोर होने के करण आपको कब्ज की समस्या है तो ऐसे में आयुर्वेदिक चिकित्सक बेल का सेवन करने से माना करते हैं क्योंकि यह कब्ज की समस्या को बढ़ा सकता है।
  •  अगर आप डायबिटीज के मरिज हैं और बाजार में मिलने वाले बेल का शरबत का सेवन कर रहे हैं तो जन की उसे शरबत में मौजूद शुगर की अधिक मंत्र आपके लिए नुकसान दायक हो सकती है। बेल खुद भी एक मीठा फल है और इसका शरबत बनाने में लोग अक्सर कुछ ममात्रा में चीनी मिला देते हैं। इसलिए डायबिटीज के मरीज को बेल के शरबत से परहेज करना चाहिए या फिर इसका सेवन चिकित्सा की सलाह के अनुसार ही करना चाहिए
  • कुछ मामलों में ऐसा पाया गया है की बेल का सेवन थायराइड हार्मोन पर और थायराइड की दवाइयां के प्रभाव पर असर डाल सकता है।
  • इसीलिए आयुर्वेद के जानकार थायराइड के मरीज को कभी भी बेल खाने के कोई  सलाह नहीं  देते हो।

निष्कर्ष

बेल का फल आयुर्वेद में विशेष महत्व रखता है और इसके औषधीय गुण इसे पाचन समस्याओं, लू, दस्त, किडनी की समस्याओं और डायरिया जैसी बीमारियों में अत्यधिक फायदेमंद बनाते हैं। इसे जूस, शरबत, चटनी, मुरब्बा और कच्चे रूप में खाया जा सकता है। गर्मियों में शरीर को ठंडक पहुंचाने और रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए इसका सेवन किया जाता है। हालांकि, अत्यधिक मात्रा में सेवन करने से कब्ज, डायबिटीज और थायराइड जैसी समस्याओं के लिए नुकसान हो सकता है। इसलिए बेल का सेवन संतुलित मात्रा में और आवश्यकता अनुसार चिकित्सक की सलाह से करना चाहिए।

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